जब दिल्ली जल रही थी तब लोग नफरतों के बीच दंगाई बनकर सामने आ रहे थे. लेकिन तब ऐसे लोग भी थे जो फरिश्ते बनकर सामने आए, जिन्होंने इंसानियत की ज़िंदा मिसाल पेश की. आज हम ऐसे ही लोगों की बात करेंगे. हम आपको दिखाएंगे सबसे पहले उस देवदूत की दास्ता जो अपने पड़ोसी के लिए फरिश्ता साहिब हुआ. संजीव बताते हैं कि जब दिल्ली दंगों की आग में जल रही थी तब संजीव ने धर्म की परवाह न करते हुए पड़ोसी होने का धर्म निभाया और वो मुजीबुर्रहमान के परिवार के लिए ढाल बन गए. देखें ये खास रिपोर्ट.