आदमी खाता है दो जून की रोटी के लिए मेहनत के बाद खाना होता है, सो ज़ायका भी जरुरी है. और जायके के लिए खाने में प्याज टमाटर तो बेहद ज़रुरी है. लेकिन प्याज की कीमतें कह रही हैं खाना मना है. प्याज की सेंचुरी क्या लगी, सब परेशान हो गए पब्लिक भी, सरकार भी. ये भी काबिलेगौर बात है कि दिल्ली में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, सो दोनों ही सरकारें प्याज को लेकर लापरवाही कतई नहीं बरतना चाहेंगी. हम आपको प्याज की सेंचुरी पर बताने जा रहे हैं थोक मंडी से निकली सच्चाई भी और सरकार की कोशिशें भी.