आज कल पकौड़ा कड़ाही से निकल कर संसद तक पहुंच चुका है. अब बयानबाजी, राजनीति और विरोध पकौड़े के इर्द-गिर्द हो रहे हैं. लेकिन क्या वाकई पकौड़ा बेरोजगारी दूर कर रहा है या फिर सिर्फ एक मजबूरी है?