अमेरिका समेत पूरी दुनिया चीन के वुहान शहर में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार समझता है. लेकिन इसी लैब को अमेरिका ने अब तक 3.7 मीलियन डॉलर का फंड दे चुका है. ये फंड चमगादड़ों पर हो रहे शोध के लिए दिया गया था. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीसेज़ के डॉक्टर एंथनी फाउची के निगरानी में अमेरिका कोरोना से जंग लड़ रहा है. डाक्टर एंथनी फाउची ने 2017 में ही बता दिया था कि कोई ऐसी बीमारी आने वाली है जिसकी चपेट में पूरी दुनिया आ जाएगी. इसके बावजूद ऐसी रिसर्च के लिए खुद अमेरिका ने फंड कैसे दे दिया?