लंकापति रावण जब युद्ध में अपने सभी भाईयों और बेटों को खो चुका था तो उसे श्रीराम के सामने मैदान पर आने को विवश होना पड़ा. श्रीराम ने उसका वध कर संसार को उसके पापों से छुटकारा दिलाया.