राजधानी के बड़े सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. डिस्पेंसरी में दवाएं मौजूद न होने की बात कहकर मरीजों को लौटा दिया जा रहा है. मजबूरी में मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं.