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आओ बहस करें: कैसे बनते हैं अभिनंदन!

आओ बहस करें: कैसे बनते हैं अभिनंदन!

हिंदुस्तान की फिज़ा में आज केवल एक ही नाम गूंज रहा है. देश का बच्चा-बच्चा आज उसी नाम का वंदन कर रहा है हर हिंदुस्तानी आज कह रहा है कि अभिनंदन तुझे सलाम. विंग कमांडर अभिनंदन की बहादुरी ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए. जैसे ही देश के इस वीर सपूत की घर वापसी सुनिश्चित हुई पूरा देश खुशी से झूम ऊठा. अभिनंदन जैसे हिंदुस्तान के लाखों जांबाज़ों की बदोलत ही हम बेफिक्र हो कर सो पाते हैं. लेकिन अभिनंदन एक दिन में नहीं बनते. सालों की तपस्या का नतीजा है अभिनंदन जैसी दिलेरी.चारों तरफ़ दुश्मन. चेहरे पर एक शिकन नहीं. सीना ऐसा तना हुआ कि पर्वत भी नमन करे तो कार्यक्रम में आज देश वीरों की इसी तपस्या इसी अथक साधना पर बात होगी.

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