30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला केस सामने आया. 15 मार्च तक मरीज़ों की तादाद 100 तक पहुंची. 28 मार्च को फिर मरीज़ों की तादाद 1000 के पार पहुंच गई. 11 अप्रैल तक 7000 से भी ज़्यादा हो गया है. बाकी दुनिया के मुकाबले कोरोना को देखते हुए हम जागे देर से ज़रूर. मगर फिर भी दुरुस्त टाइम पर सरकार ने इसके लिए कदम उठाने शुरु कर दिए थे. पर अब देश में कोरोना आक्रामक रूप ले चुकी है. अब कोरोना के संक्रमण को रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण है, लोगों के व्यवहार और आने वाले दिनों में सरकार के फैसले इस महामारी से लड़ने के लिए अहम होंगे.