Allahabad University PG Admissions 2022: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी विरोध के बीच पोस्ट ग्रेजुएशन एडमिशन (PG Admission) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जो उम्मीदवार एकेडमिक सेशन 2022-23 के लिए पीजी कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, वे आज, 01 अक्टूबर 2022 से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (AU) की आधिकारिक वेबसाइट allduniv.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. एडमिशन और काउंसलिंग प्रोग्राम की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय पीजी एडमिशन के तहत एलएलबी, एलएलएम, आईपीएस, एमकॉम, एमए, एमएससी, एमएड और एमबीए कोर्सेज में एडमिशन लिया जा सकता है. इनके लिए काउंसलिंग और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का तरीका नीचे देख सकते हैं. ऑनलाइन रिजस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने की आखिरी तारीख 03 अक्टूबर 2022 है.
Notice regarding PG Admission 2022 pic.twitter.com/9MatdepjlY
— University of Allahabad (@UoA_Official) September 30, 2022
Allahabad University PG Admissions 2022: ऐसे करें आवेदन
स्टेप 1: सबसे पहले यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट - ecounselling.in पर जाएं.
स्टेप 2: होमपेज पर, 'स्टेप 1- रजिस्टर योरसेल्फ' पर क्लिक करें और यूजर आईडी और पासवर्ड जेनरेट करें.
स्टेप 3: फिर, उम्मीदवारों को अपने यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करना होगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करना होगा.
स्टेप 4: एप्लीकेशन फॉर्म भरें और आवेदन शुल्क का भुगतान करें.
स्टेप 5: जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करके सबमिट पर क्लिक करें.
स्टेप 6: आपका फॉर्म जमा हो जाएगा, आगे के लिए इसका प्रिंटआउट लेकर अपने पास रख लें.
वहीं, यूनिवर्सिटी ने अभी तक अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन (UG Admission) का शेड्यूल जारी नहीं किया है. जो उम्मीदवार विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित विभिन्न यूजी कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखते रहें.
बता दें कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले 25 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल ही में छात्रों ने आमरण अनशन पर बैठे तीन छात्रों को रामनामी ओढ़ाकर प्रतीक स्वरूप उनकी शवयात्रा निकाली और जमकर नारेबाजी की. इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से बढ़ी फीस वापस लेने की मांग की. छात्रों ने विरोध स्वरूप इस शवयात्रा को पूरे कैंपस में निकाला और वीसी दफ्तर के सामने इकट्ठा होकर खूब रोये. हालांकि राज्य सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों को साफ तौर पर यह संदेश दिया जा चुका है कि उन्हें अपने स्तर पर फंड का इंतजाम करना होगा और सरकार पर निर्भरता कम करनी होगी.