पूर्व का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इस सेशन से 10 नए मल्टीडिसिप्लनरी कोर्सज शुरू किए जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के फ्लैगशिप कार्यक्रम न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नए कोर्सेज तैयार किए हैं. हालांकि इस सेशन से सिर्फ 7 कोर्सेज में ही एडमिशन शुरू होगा जबकि अन्य कोर्सेज में अगले सेशन से एडमिशन दिया जाएगा.
इन कोर्सेज में पांच वर्षीय BCA और MCA, MSc कॉग्निटिव साइंस, BSc एंड MSc फैमिली एंड कम्युनिटी साइंस, 5 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स इन डिजास्टर मैनेजमेंट एंड एनवायरमेंटल स्टडीज, BA LLB ऑनर्स 5 ईयर इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स, 5 ईयर MBA कोर्स शामिल हैं.
इसके अलावा म्यूजिक, स्पोर्ट्स, एनसीसी, एलिमेंट्स ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन, मेंटल हेल्थ, फाइनेंशियल मार्केट, डिस्कवरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फिल्म एंड थियेटर और थिरैपिय्टिक न्यूट्रीशन एंड योगा में प्रोफिशिएंसी कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं. इसके साथ ही यूरोपीय भाषाओं फ्रेंच, रशियन और जर्मन प्रोफिशिएंसी कोर्स और अन्य भाषाओं उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी में भी नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं.
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव के मुताबिक, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत तैयार किए गए कोर्सेज से छात्र-छात्राएं शिक्षित होने के साथ ही साथ स्किल्ड होंगे और उनका चारित्रिक विकास भी होगा. प्रोफेसर श्रीवास्तव के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पिछले 2 वर्षों में मिशन मोड में 27 विभागों में विश्वविद्यालय में नए शिक्षकों की भर्ती की गई है. इसके अलावा 350 नॉन टीचिंग कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है जबकि लगभग डेढ़ सौ एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है.
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने विदेश से शिक्षकों की भर्ती करके एक तरह से रिवर्स माइग्रेशन भी किया है. विभिन्न प्रदेशों और विदेशों में शिक्षा से जुड़े प्रोफेसर के यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने से यहां पर कॉस्मो पॉलिटन एटमास्फियर बना है जिससे आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय की शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार होगा.
उन्होंने दावा किया है कि साल के अंत तक कम से कम 100 और शिक्षकों की नियुक्ति हो जाएगी. इसके बाद विश्वविद्यालय निश्चित तौर पर NIRF और NAAC की रैंकिंग में भी जरूर स्थान बनाएगा.