DU admissions 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय ने कट-ऑफ अंकों की गणना में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत एक बार पढ़ाए जाने वाले विषयों के समकक्ष अन्य राज्य बोर्डों के विषयों को शामिल करने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
इसके लिए डीयू में एक कमेटी बनी है जो यह तय करती है कि राज्य बोर्डों के कौन से विषय सीबीएसई विषयों के समान होंगे और कट-ऑफ स्कोर की गणना करते समय उनका समावेश सर्वश्रेष्ठ-चार (Best-4) अंकों का औसत निकालने में कैसे होगा.
विश्वविद्यालय में दाखिला कमेटी के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने मीडिया को दी जानकारी में कहा कि ये कमेटी अगर डिसाइड करती है कि कोई एक विषय सीबीएसई के किसी विषय के समकक्ष नहीं है, तो इसे ‘बेस्ट फोर’ में शामिल नहीं किया जा सकता है. मंगलवार को कॉलेजों के साथ बैठक कर उनसे भी ये सूची साझा की गई.
इसे एक उदाहरण के तौर पर समझाते हुए उन्होंने कहा कि सीबीएसई ने जैसे व्यावहारिक गणित (एप्लाइड मैथमैटिक्स) को एक विषय के रूप में शुरू किया है ताकि उन छात्रों की मदद की जा सके, जो गणित से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि यह गणित की तुलना में आसान है.
सीबीएसई ने यह भी लिखा है कि एप्लाइड मैथमैटिक्स के छात्र भौतिकी (ऑनर्स), रसायन विज्ञान (ऑनर्स) और गणित (ऑनर्स) के लिए पात्र नहीं होंगे. इस पर समिति ने पाया कि एप्लाइड मैथमैटिक्स को अर्थशास्त्र (ऑनर्स) के लिए नहीं बेस्ट फोर में माना जा सकता है. इसमें पाठ्यक्रम के लिए गणित के कठिन स्तर की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे बी.कॉम (ऑनर्स) के लिए कैलकुलेट किया जा सकता है.
इसी तरह महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में गणित और सांख्यिकी शीर्षक वाला एक विषय है, जिसे गाइडलाइन के अनुसार सीबीएसई गणित के समकक्ष माना जाएगा, जबकि नगालैंड स्कूली शिक्षा बोर्ड के ‘फंडामेंटल्स ऑफ बिजनेस मैथमैटिक्स’ को सीबीएसई में गणित के भी समकक्ष माना जाएगा.