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DU Admission 2020-21: कम हैं एग्जाम सेंटर, एंट्रेंस एग्जाम छोड़ने को मजबूर हैं कई छात्र

दिल्ली विश्वविद्यालय में UG-PG और M.Phil-PHd पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के जरिये दाख‍िला होता है. इसमें लगभग 2.2 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. ये प्रवेश परीक्षा 6 सितंबर और 11 सितंबर के बीच होगी.ये परीक्षा एनटीए के जरिये ली जाएगी.

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DU Admission 2020 students problems
DU Admission 2020 students problems
स्टोरी हाइलाइट्स
  • UG-PG और M.Phil-PHd पाठ्यक्रमों में लगभग 2.2 लाख उम्मीदवार
  • उम्मीदवार के पैरेंट्स ने कहा है कि परीक्षा केंद्र में पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करनी होगी
  • जो यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं उन्हें ये एंट्रेंस एग्जाम छोड़ना होगा

दिल्ली विश्वविद्यालय में UG-PG और M.Phil-PHd पाठ्यक्रमों  में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्ट‍िंग एजेंसी एंट्रेंस एग्जाम कराएगी. इस एग्जाम के लिए देश भर के सिर्फ 24 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए हैं. ये परीक्षा रविवार छह सितंबर से शुरू होगी. अब छात्रों के लिए अपने प्रवेश केंद्र तक पहुंचना एक चुनौती बन गया है. 

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बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में नौ स्नातक, सभी स्नातकोत्तर और एम.फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के लिए लगभग 2.2 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. इंड‍ियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि वे शायद इस परीक्षा में हिस्सा नहीं  ले पाएंगे. 

कोझीकोड के एक MSc केमेस्ट्री में एडमिशन की इच्छुक उम्मीदवार के पेरेंट्स ने कहा है कि परीक्षा केंद्र में पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करनी होगी. कोरोना काल में वहां तक पहुंचना एक बड़ा रिस्क होगा, इसके अलावा वहां तक पहुंचना भी मुश्क‍िल होगा. 

बता दें कि पूरे केरल में, लगभग 400 किलोमीटर दूर तिरुवनंतपुरम में एकमात्र परीक्षा केंद्र है. शायद उत्तर या मध्य केरल में एक और केंद्र बनाया गया है जहां छात्रों का पहुंचना मुश्क‍िल होगा. अगर वो परीक्षा केंद्र में पहुंच भी जाता है तो उसे  क्वारनटीन होना होगा. इससे हैदराबाद विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में शामिल होना मुश्किल होगा. 

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वाराणसी में उत्तर प्रदेश का एकमात्र प्रवेश परीक्षा केंद्र बनाया गया है. बता दें कि अलीगढ़ के एक उम्मीदवार को दिल्ली का परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया है. उम्मीदवार ने कहा कि मैं चाहता हूं कि परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए, या कम से कम उन लोगों के लिए दूसरा मौका हो, जो परीक्षा नहीं दे सकते. 11 सितंबर को मेरी परीक्षा है और मुझे नहीं पता कि मैं परीक्षा केंद्र तक सुरक्षित रूप से कैसे पहुंचूंगा, जबकि कोविड 19 के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं. 

स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा में बैठने वालों में से कई ऐसे हैं जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में ही स्नातक की पढ़ाई की थी और उन्होंने दिल्ली को अपने परीक्षा केंद्र के रूप में चुना था, लेकिन अब वे अपने गृह राज्यों में हैं. इससे उनका भी इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होना मुश्क‍िल हो गया है. 

श्रीजीत की 6 सितंबर को एमए राजनीति विज्ञान प्रवेश परीक्षा है. वो केरल से दिल्ली तक अपनी परीक्षा देने ट्रेन से आ रहे हैं. श्रीजीत ने कहा कि पंजीकरण के समय अपने परीक्षा केंद्रों का चयन किया था और सोचा था कि परीक्षा के समय दिल्ली में वापस आएंगे. उन्होंने बताया कि हमें परीक्षा की तारीख चुनने पर हमारे परीक्षा केंद्र को बदलने का विकल्प नहीं दिया गया था. अब मेरे पास दिल्ली की यात्रा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. दिल्ली में मैं कुछ दोस्तों के साथ रहूंगा लेकिन मेरे माता-पिता इससे खुश नहीं हैं. यही नहीं कई मेरे दोस्त हैं जो यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं इसलिए उन्हें ये एंट्रेंस एग्जाम छोड़ना होगा. 

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