दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से आज शिक्षा से जुड़े दो फैसले लिए गए हैं. दिल्ली सरकार ने पहला फैसला ये किया है कि भले ही किसी प्राइवेट स्कूल में जनरल कैटेगरी के एडमिशन नहीं हुए हो या फिर उसमें समय लग रहा हो लेकिन सरकार ने किसी स्कूल के लिए जितने EWS कैटेगरी के एडमिशन अलॉट किए हैं, स्कूलों को उन सभी को एडमिशन देना होगा.
कोविड के कारण कई स्कूलों में जनरल कैटेगरी के एडमिशन में देरी हो रही है. इसके कारण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS कैटेगरी के लिए आरक्षित 25% सीटों पर एडमिशन में देरी हो रही थी जिस कारण दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है.
बता दें कि सरकार ने कुल 32,500 बच्चों को EWS श्रेणी में एडमिशन के लिए प्राइवेट स्कूलों को डेटा भेजा है. सभी स्कूलों को यह निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को (जिसको सरकार ने बताया है) उसको एडमिशन दें. इसके बाद सरकार सभी एडमिशन के लिए उनको भुगतान करेगी जो ₹2260/छात्र होता है.
दूसरा फैसला: बुलाई जाएगी विशेष पेरेंट्स टीचर मीटिंग
शिक्षा विभाग ने एक विशेष पेरेंट्स टीचर मीटिंग करने का फैसला किया है. इसके लिए पेरेंट्स को स्कूलों में फिजिकली आना होगा ताकि शिक्षक अभिभावकों को इस बारे में अच्छे से जानकारी दे सकें. यह बच्चा जब स्कूल बंद होने के दौरान घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है तो पढ़ाई कैसे हो और पेरेंट्स किस तरह से सहयोग करें.
कोरोना के मद्देनजर स्कूलों में कोई भीड़ ना हो इसके लिए तय किया गया है कि पेरेंट्स टीचर मीटिंग 19 जुलाई से 31 जुलाई के बीच होगी. इसमें हर एक अभिभावक के लिए स्कूल में आना बेहद जरूरी होगा क्योंकि बच्चे अब स्कूल में पढ़ने की बजाय घर पर ही पड़ रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों की भूमिका अब बढ़ गई है.
सरकार ने सभी पेरेंट्स से अनुरोध किया है कि अगर आपका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है तो 19 से 31 जुलाई के बीच PTM में किसी एक दिन जाकर अपने बच्चे के टीचर से जरूर मिलिएगा. विशेष PTM के लिए तय किया गया है कि छठी कक्षा कक्षा के बच्चों के लिए दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार दोनों के शिक्षक जॉइंट पेरेंट्स टीचर मीटिंग करेंगे. बता दें कि करीब 1.5 लाख बच्चे दिल्ली नगर निगम के स्कूलों से आए हैं, उन्होंने अपने टीचर को कभी देखा ही नहीं क्योंकि वह दिल्ली सरकार के स्कूल में इसी साल आए हैं. ये सभी अब तक दिल्ली नगर निगम के स्कूल में पढ़ रहे थे.