बचपन में वैज्ञानिक बनकर रीसर्च करने का सपना देखने वाले कानपुर के इस लड़के ने अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. ये रिकॉर्ड है छह सब्जेक्ट से यूजीसी की NET परीक्षा पास करने का. अभी उनका सिलसिला रुका नहीं है, बल्कि आने वाले समय में वो और भी सब्जेक्ट से इस परीक्षा को पास करने की तैयारी में हैं. जानिए इस परीक्षा को बार बार निकालने की वजह, उनके परिवार और उनकी तैयारी के बारे में सब कुछ.
बार-बार ये परीक्षा निकालना उनके लिए कोई सनक या रिकॉर्ड बनाने की धुन नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ा मकसद छुपा है. aajtak.in से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने अपना करियर पीजीटी टीचर के तौर पर शुरू किया था, तब मैंने महसूस किया कि बच्चे विषय को समझने के बजाय नंबर के पीछे भागते हैं. मैं बच्चों को ये संदेश देना चाहता हूं कि अगर आप नंबर को न सोचकर सिर्फ विषय की तैयारी करते हैं तो कोई भी विषय निकाल सकते हैं.
अमित की शुरुआती शिक्षा एअरफोर्स स्टेशन कानपुर के स्कूल से हुई. उनके पिता आरएन निरंजन यूपी हैंडलूम से रिटायर्ड मैनेजर हैं. मां उर्मिला देवी निरंजन होममेकर हैं. अमित अपने माता-पिता की अकेली संतान हैं. वो बचपन में वैज्ञानिक बनकर रिसर्च करने का सपना देखते थे. 37 साल के अमित की शादी हो चुकी है और एक बेटी है.
अमित कहते हैं कि भले ही मैं विज्ञान में कोई रिसर्च नहीं कर रहा लेकिन अब वो एजुकेटर बनकर कर रहा हूं. वो भारत में एजुकेशन रीफॉर्म लाना चाहते हैं. वो टीचर्स ट्रेनिंग के लिए मैकमिलन के साथ काम कर रहे हैं. वो बताते हैं कि अब तक वो 25 हजार स्टूडेंट्स और 5 हजार टीचर को ट्रेंड कर चुके हैं.
सिर्फ भारत ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर कई सारे स्टूडेंट्स को ट्रेंड कर चुके हैं. उनकी ट्रेनिंग का सबसे खास प्वाइंट है कि बच्चों में एग्जामिनेशन स्ट्रेस कम हो. अमित कहते हैं कि उन्हें इसका आइडिया तब आया जब वो करियर के शुरुआती दौर में पीजीटी टीचर के तौर पर काम कर रहे थे.
क्या है स्ट्रेटजी
अमित ने बताया कि मेरी तैयारी करने की स्ट्रेटजी बेहद आसान है. अगर कोई भी स्टूडेंट नंबर के आधार पर तैयारी के बजाय टॉपिक पर फोकस करे और उसे समझे तो वो कोई भी विषय पढ सकता है. बशर्ते उसका तरीका सही हो.
फिलहाल अमित तीन किताबें लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी पहली किताब एडल्ट एजुकेशन पर है. मैं चाहता हूं कि वो किताब मैं सीबीएसई और आईसीएसई आदि बोर्ड में पहली से तीसरी क्लास तक शुरू करा पाऊं. वहीं दूसरी किताब एग्जामिनेशन स्ट्रेस पर है. जिसमें ये बताया गया है कि कैसे कंटेंट पर कंसट्रेट करके आप हर विषय तैयार कर सकते हैं. इस तरह एग्जामिनेशन स्ट्रेस को लेकर कई सूत्र इस किताब में होंगे.
इन छह विषयों में निकाला यूजीसी नेट
अमित ने 2010 से नेट निकालना शुरू किया
पहला 2010 जून में नेट जेआरएफ कॉमर्स में
फिर 2010 दिसंबर में इकोनॉमिक्स से
2012 दिसंबर मैनेजमेंट से
2015 दिसंबर एजुकेशन से
2019 दिसंबर राजनीति विज्ञान से
2020 जून में समाजशास्त्र से
वो कहते हैं कि फिलहाल आगे दर्शनशास्त्र में नेट क्लीयर करना है, इसी विषय से परास्नातक करने के बाद.
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वो पूर्व छात्र रहे हैं. बता दें कि देश में अभी तक इतने विषयों में किसी छात्र ने नेट क्वालीफाई नहीं किया. इसीलिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड दिया गया है. यह अवार्ड उन्हें कानपुर विवि कुलपति ने बुधवार को विश्वविद्यालय में प्रदान किया. इस रिकॉर्ड के अलावा अमित 2013 में बैंक पीओ के पद के लिए चयनित हो चुके हैं. उन्हें आईआईटी में 2010 में अर्थशास्त्र विषय के साथ पीएचडी के लिए भी चुना जा चुका है.