CTET Exam 2022, CTET Child Development and Pedagogy Syllabus: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) परीक्षा दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक आयोजित की जाएगी. सीटेट एग्जाम कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित किया जाएगा. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) सीटेट एग्जाम का शेड्यूल जारी करेगा. अगर आपने भी दिसंबर सीटेट परीक्षा का फॉर्म भरा है तो बाल विकास और शिक्षाशास्त्र का सिलेबस समेत जरूरी जानकारी यहां देख सकते हैं.
सीटेट एग्जाम पैटर्न समझ लें (CTET Exam Pattern)
सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET Exam) में दो पेपर होते हैं. पेपर-I कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए और पेपर-II 6वीं से 8वीं क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा है. उम्मीदवार किसी एक या दोनों पेपर के लिए आवेदन कर सकते हैं. आमतौर पर सीटेट एग्जाम दो शिफ्ट में आयोजित किया जाता है. पहली शिफ्ट सुबह 9:30 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 4:30 बजे तक चलती है. उम्मीदवारों को परीक्षा शुरू होने से पहले एक घंटा पहले एग्जाम सेंटर रिपोर्ट करने की सलाह दी जाती है.
सीटेट पेपर-I का पैटर्न
सीटेट पेपर I: पांच भागों से प्रश्न होते हैं, जिसमें भाषा I, भाषा II, बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन और गणित शामिल है, सभी खंड में 30 प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न एक अंक होता है.
सीटेट पेपर II का पैटर्न
सीटेट पेपर- II: कुल पांच खंडों में भाषा I, भाषा II, बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान (केवल सामाजिक अध्ययन/ सामाजिक विज्ञान शिक्षक के लिए) या गणित और विज्ञान (केवल गणित या विज्ञान शिक्षक के लिए) के प्रश्न होंगे. इसमें गणित और सामाजिक विज्ञान खंड में 60-60 प्रश्न होते हैं और बाकि विषयों के 30-30 प्रश्न.
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र का सिलेबस
सीटेट एग्जाम में, बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy) के 30 अंकों के लिए कुल 30 सवाल पूछे जाएंगे. इनमें 15 सवाल चाइल्ड डेवलेपमेंट और समावेशी शिक्षा की अवधारणा और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समझना के 5 सवाल और सीखना व शिक्षाशास्त्र के 10 सवाल पूछे जाएंगे.
a) चाइल्ड डेवलेपमेंट (Primary School Child): 15 सवाल
1.विकास की अवधारणा और सीखने के साथ इसका संबंध
2. बच्चों के विकास के सिद्धांत
3. आनुवंशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
4. समाजीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक दुनिया और बच्चे (शिक्षक, माता-पिता, सहकर्मी)
5. पियागेट, कोहलबर्ग और वायगोत्स्की: निर्माण और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण
6. बाल-केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा
7. इंटेलिजेंस के निर्माण का महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य
8. बहु आयामी खुफिया
9. भाषा और विचार
10. एक सामाजिक निर्माण के रूप में लिंग; लिंग भूमिकाएं, लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षिक अभ्यास
11. शिक्षार्थियों के बीच व्यक्तिगत अंतर, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता के आधार पर मतभेदों को समझना
12. सीखने के लिए आकलन और सीखने के आकलन के बीच अंतर; स्कूल-आधारित मूल्यांकन, सतत और व्यापक मूल्यांकन: परिप्रेक्ष्य और अभ्यास
13.कक्षा में सीखने और आलोचनात्मक सोच को बढ़ाने और शिक्षार्थी की उपलब्धि का आकलन करने के लिए शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर का आकलन करने के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना.
b) समावेशी शिक्षा की अवधारणा और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समझना: 5 सवाल
1. वंचित और कम सुविधाओं सहित अलग-अलग बैकग्राउंड के शिक्षार्थियों को संबोधित करना
2. सीखने की कठिनाइयों, 'हानि' आदि वाले बच्चों की जरूरतों को संबोधित करना
3. प्रतिभाशाली, रचनात्मक, विशेष रूप से सक्षम शिक्षार्थियों को संबोधित करना
c) सीखना और शिक्षाशास्त्र: 10 सवाल
1. बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं; स्कूल के प्रदर्शन में सफलता हासिल करने में बच्चे कैसे और क्यों 'असफल' होते हैं।
2. शिक्षण और सीखने की बुनियादी प्रक्रियाएं; सीखने की बच्चों की रणनीतियां; एक सामाजिक गतिविधि के रूप में सीखना; सीखने का सामाजिक संदर्भ.
3.एक समस्या समाधानकर्ता और एक 'साइंटिफिक इन्वेस्टिगेटर' के रूप में बच्चा.
4. बच्चों में सीखने की वैकल्पिक अवधारणा, बच्चों की 'त्रुटियों' को सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में समझना.
5. अनुभूति और भावनाएं.
6. प्रेरणा और सीखना
7. सीखने में योगदान करने वाले कारक - व्यक्तिगत और पर्यावरण