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करियर

JEE-NEET पर छात्रों के समर्थन में विपक्षी नेता, जानें- किसने क्या कहा

प्रतीकात्मक फोटो
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JEE-NEET की परीक्षा अगले महीने होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन परीक्षाओं को लेकर हरी झंडी मिल गई है. हालांकि, छात्र और अभिभावक कोरोना संकट में परीक्षा के आयोजन पर विरोध कर रहे हैं. वहीं अब इस कड़ी में कई नेता आगे आए हैं, जो कोरोना वायरस संकट में परीक्षा न होने के पक्ष में हैं. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.

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राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से लेकर (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने JEE-NEET परीक्षा को स्थगित करने मांग की है, लेकिन फिलहाल शिक्षा मंत्रालय से कोई जानकारी नहीं आई है. अब देखना ये है कि कब तक सरकार की ओर से रिस्पांस मिलता है.

 

राहुल गांधी
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए. केंद्र सरकार को NEET, JEE परीक्षा को लेकर छात्रों के मन की बात सुननी चाहिए और एक सार्थक समाधान निकाला जाना चाहिए.

 

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प्रियंका गांधी
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा, कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं. ऐसे में अगर NEET और JEE परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे सत्याग्रह अभियान का नाम दिया है.

 

सुब्रमण्यम स्वामी
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मैंने शिक्षा मंत्री को सिर्फ सुझाव दिया है कि दीपावली के बाद NEET और अन्य परीक्षाएं आयोजित की जाएं. वहीं स्वामी ने परीक्षा टालने को लेकर पीएमओ को एक जरूरी पत्र भी लिखा है. पत्र में कोरोना संकट को देखते हुए परीक्षा दिवाली तक टालने की मांग की गई है.

 

मनीष सिसोदिया
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दिल्ली के श‍िक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट के जरिए कहा कि JEE-NEET की परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है केंद्र सरकार. मेरी केंद्र से विनती है कि पूरे देश में ये दोनों परीक्षाएं तुरंत रद्द करें और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करे. अभूतपूर्व संकट के इस समय में अभूतपूर्व कदम से ही समाधान निकलेगा.

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JEE-NEET परीक्षा को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के मिलने के बाद छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. एक यूजर ने लिखा, जब संसद काम नहीं कर रही है, तो छात्रों को परीक्षा के लिए स्कूल और कॉलेजों में उपस्थित होने के लिए क्यों कहा जा रहा है? क्या ये सही है?

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आपको बता दें, बिहार- असम में बाढ़ का कहर जारी है. ऐसे में यहां के छात्रों के पास परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए कोई पर्याप्त साधन नहीं है. छात्रों का कहना है कि बाढ़ के कारण काफी कुछ बर्बाद हो गया है. ऐसे में परीक्षा देने कैसे जाएं?

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छात्रों ने परीक्षा को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इसने परीक्षा को रद्द या स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. इसलिए परीक्षा का आयोजन अगले महीने परीक्षा का आयोजन होगा.  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), जो इन परीक्षाओं का आयोजन कर रही है, उन्होंने यह कहते हुए स्थगित करने से मना कर दिया है कि यह अगले साल के शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित करेगा.

 

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अभिभावकों ने परीक्षा आयोजित करने पर अपनी चिंताओं को शेयर किया है. उन्होंने कहा, कोविड -19 मामले बढ़ रहे हैं.  परीक्षा कुछ समय के लिए टाल देनी चाहिए. हालांकि, कुछ अभिभावकों का कहना ये भी है कि परीक्षा निर्धारित समय पर पर आयोजित की जाए. बता दें, मेडिकल एडमिशन का एक समय में होता है. इसलिए, यह NEET को और देरी करने के लिए कोई मतलब नहीं है, अगर ऐसा होता है तो प्रवेश प्रक्रिया में देरी होगी.

 

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