Career Tips After 12th: इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों सेनाओं को घायल सैनिकों के इलाज के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है. 12वीं पास करने के बाद सेना में डॉक्टर बनने के रास्ते खुल जाते हैं. अगर आप भी 12वीं के बाद बतौर डॉक्टर सेना में शामिल होना चाहते हैं और देश सेना करना चाहते हैं तो यहां जानिए क्या है पूरा प्रोसेस.
भारतीय थल सेना, वायु सेना और जल सेना में डॉक्टर बनने के लिए आपका साइंस स्ट्रीम में इंटर पास होना जरूरी है. इसके बाद छात्र सेना में डॉक्टर बनने की चयन प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं.
हर साल, भारतीय रक्षा बल चिकित्सा कार्यक्रम में नामांकन के लिए पेशेवर डॉक्टरों और कक्षा 12वीं पास उम्मीदवारों दोनों के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMC) के माध्यम से रिक्तियां निकाली जाती हैं.
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMC) के जरिये भारतीय सशस्त्र बलों में डॉक्टर बनने के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. सेना में एमबीबीएस ग्रेजुएट और फ्रेशर्स दोनों को नियुक्त करते हैं. यहां का चिकित्सा कार्यक्रम सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMC) द्वारा संचालित होता है.
सुरक्षा बल दो प्रकार की चयन प्रक्रियाओं, शॉर्ट कमीशन और स्थायी कमीशन में भर्ती करती है. एएफएमसी के चिकित्सा कार्यक्रम में NEET परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर केवल 12वीं कक्षा के उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाता है. जो उम्मीदवार पहले से ही एमबीबीएस या बीडीएस स्नातक हैं, वे शॉर्ट कमीशन में आवेदन कर सकते हैं.
वहीं स्थायी कमीशन उन लोगों के लिए है जिन्होंने हाल ही में मुख्य विषय के रूप में पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ) के साथ कक्षा 12वीं की परीक्षा पास की है व नीट एग्जाम देने वाले हैं. सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में प्रवेश प्रदान करने के लिए NEET स्कोरकार्ड का उपयोग किया जाता है.
चयन प्रक्रिया में एसएसबी साक्षात्कार और एक चिकित्सा परीक्षा भी शामिल है. प्रवेश के बाद, उम्मीदवारों को चिकित्सा पाठ्यक्रम में नामांकित किया जाता है. कोर्स पूरा होने के बाद, उम्मीदवारों को स्थायी आधार पर तीनों बलों में से किसी एक में डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है. इन उम्मीदवारों को लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती किया जाता है.