देश के 32 पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (पीएसयू) में 106 स्वतंत्र डायरेक्टर के पद खाली हैं. इन पदों पर काम कर रहे लोग या तो इस्तीफा दे चुके हैं या फिर उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है. लेकिन मई 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक इन पदों को भरने की कोई कोशिश नहीं की गई हैं.
फिलहाल 32 पीएसयू में 106 स्वतंत्र डायरेक्टर के पद खाली पड़े हैं. एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक प्राइम डेटाबेस से जानकारी मिली है कि सिर्फ भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीएचईएल) ने इस दौरान अपना एक स्वतंत्र डायरेक्टर नियुक्त किया है. इन 32 पीएसयू में ओएनजीसी, कोल इंडिया, आईओसी, एनटीपीसी, और एसएआईएल शामिल हैं.
इन पीएसयू का कहना है कि खाली पड़े पदों का मामला सरकार के सामने उठाया गया था, लेकिन पता चला कि इन पदों को भरने की प्रक्रिया मंत्रालय के स्तर पर चल रही है. उदाहरण के लिए कोल इंडिया ने डायरेक्टर की नियुक्ति का मामला कोयला मंत्रालय के सामने उठाया था. कंपनी को मंत्रालय की तरफ से जवाब मिला कि नियुक्ति प्रक्रिया जारी है.
पीएसयू बोर्ड्स में स्वतंत्र डायरेक्टर के खाली पड़े पदों की वजह से कॉरपोरेट गवर्नेंस पर तो सवाल उठता ही है साथ ही सरकार के 41,000 लक्ष्य को भी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.