किसी कंपनी में काम करते-करते अगर आपको ये साइन दिखाई पड़ते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि अब कंपनी को आप पर भरोसा नहीं रहा.
नियम - कानून से भरी नौकरी:
सभी कंपनी के अपने नियम - कानून होते हैं. लेकिन आपकी कंपनी में सिर्फ नियम- कानून ही रह जाए जैसे कि उठने से लेकर बैठने तक तो समझ लें कि आपकी कंपनी को आप पर भरोसा नहीं रहा. दूसरी बात ये कि आपकी कंपनी को काम से मतलब इतना ज्यादा है कि आप कहीं स्टैंड नहीं करते हैं.
सख्त रवैया:
जब किसी संस्थान में अपने काम करने वालों को लेकर लचीलापन खत्म हो जाए तो यह समझने में देरी नहीं करनी चाहिए कि वह अब आपके हित में नहीं है. हम सभी इंसान है और काम के साथ-साथ हर इंसान की दूसरी जरूरी जिम्मेदारियां हैं. अगर यह बात किसी ऑफिस को समझानी पड़ें तो आप बेवकूफी कर रहें हैं. ऐसे में बस इतना करें कि जितनी जल्दी हो सके बैग पैक कर लें.
इंटरनेट की जांच:
कई कंपनी में बॉस को ऐसा लगता है कि सोशल नेटवर्किंग साइट बंद कर देने से कर्मचारी ज्यादा काम करते हैं. लिहाजा सभी सोशल साइट पर लॉक लगा दिया जाता है. लेकिन कंपनी ये भूल जाती है कि ऐसा करना काम में प्रोडक्टिविटी बढ़ाए या न बढ़ाए, काम करने वाले को परेशान जरूर करता है. आपके ऑफिस में भी अगर ऐसा हो रहा है तो सतर्क हो जाएं.
नो वर्क फ्रॉम होम:
सभी ऑफिस घर पर काम करने को तरजीह देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि कंपनी इस बात का ध्यान रखें कि कौन सा कर्मचारी घर पर काम करने में सुविधा महसूस कर रहा है. क्योंकि ऑफिस के बाद घर में दफ्तर खोल लेना आपके साथ आपके परिवार को भी परेशान करता है.
लगातार काम की जांच:
कौन कैसा काम कर रहा है और क्या काम कर रहा है. इस बात को जानने में कोई बुराई नहीं है. ऐसा सभी कंपनी करती हैं. लेकिन आपकी लगातार निगरानी की जाए और हर काम में रोक-टोक शुरू हो जाए तो यह समझने में देरी नहीं करें कि आपके बॉस को आप पर भरोसा नहीं रहा. इस वजह से हर काम में रोक-टोक शुरू हो चुकी है.