लड़कियां भले ही आज लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. लेकिन इस दौर में भी लड़कियों को दफ्तरों में कुछ कॉमन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ये बातें न सिर्फ लड़कियों के दफ्तर में ढंग से काम करने में रुकावटें पैदा करती हैं. बल्कि ये बातें लड़कियों के कॉन्फिडेंस को भी नीचे गिराती हैं. जानिए ऐसी 7 बातों के बारे में जिनसे लड़कियों को दफ्तर में होती है दिक्कत.
1. बॉस से अच्छे रिलेशन मतलब लूज कैरेक्टर: ज्यादातर ऑफिस में अगर कोई महिला कर्मचारी अपने बॉस से अच्छे से बात करती है तो यह माना जाता है कि उसका कैरेक्टर ठीक नहीं है. लेकिन अगर यही रिश्ते पुरुष के बॉस के साथ रहें तो इसे पुरुषों का मिलनसार होना करार दिया जाता है.
2. सावधान! लड़के आपको घूर रहे हैं: लड़के खुद तो पैंट कमर से इतना नीचे पहनते हैं लेकिन अगर कोई लड़की जीन्स या टॉप थोड़ा सा नीचे या ऊपर की तरफ से पहन ले और अंत:वस्त्रों की पतली सी पट्टी भी दिख जाए तो ऑफिस के लड़के ऐसे देखेंगे कि जैसे उन्हें अंग्रेजों द्वारा चुराकर ले गए कोहिनूर हीरे के मिलने की संभावना नजर आ रही हो.
3. जमाना ठीक नहीं है: लड़कियां ऑफिस की तरफ से देर रात होने वाली पार्टियों या आउटिंग में नहीं जा सकतीं. क्योंकि समाज के सो कॉल्ड ज्ञानियों का मानना है कि जमाना ठीक नहीं है. अपने तर्क को मजबूती देने के लिए हाल ही में रेप और छेड़खानी की घटनाओं को गिनवा दिया जाता है.
4. फिजिकल अपीयरेंस: मन हो या न हो. तबीयत खराब हो चाहे अच्छी. ऑफिस में लड़कियों से हमेशा यही उम्मीद की जाती है कि वो दिखने में चौकस लगें. इसके चक्कर में आए दिन लड़कियों को अपर लिप्स, आईब्रो मेनटेन करना पड़ता है. हालांकि ज्यादातर लड़कियों को सुंदर दिखना ही अच्छा लगता है लेकिन कई बार ये उलझन की वजह भी बन जाती है.
5. हे भगवान, गाली देती है: पुरुष बॉस अगर गाली दे या ड्यूड स्टाइल में चिल्लाए, तो उसको सात खून भी माफ. लेकिन अगर कोई फीमेल बॉस गाली या ड्यूड स्टाइल में कुछ कह दे तो उस फीमेल बॉस को ऐसे घूरा जाएगा जैसे उसने स्वच्छ भारत अभियान के पहले दिन ही कहीं से लाकर एक ट्रक कूड़ा मोदी जी के घर के बाहर डाल दिया हो. लड़कियां अगर ऑफिस में सिगरेट भी पी लें, तो उन्हें ऐसे देखा जाएगा जैसे फौरन उन्हें कैंसर होने का खतरा हो.
6. समझा करो, तुम घर की मालकिन हो: पति और पत्नी या भाई और बहन. महिलाएं नौकरी करती हैं लेकिन अगर घर में कोई मेहमान आ जाए या काम पड़ जाए, तो ऑफिस से छुट्टी लेने की जिम्मेदारी घर की फीमेल पर ही आ जाती है. तर्क दिया जाता है कि तुम घर की मालकिन हो. तुमसे रौनक रहती है.
7. नाजुक लड़कियां: ऑफिसों में किसी भी कठिन काम को लड़कियों को नहीं दिया जाता. इसी के चलते लड़कियों की लंबी शिफ्ट नहीं लगाई जाती. भले ही बॉस या ऑफिस के सहकर्मी भरे दफ्तर में अपना गुस्सा उतार दें लेकिन आखिर में कहेंगे कि अरे लड़की है इसीलिए डांट नहीं रहा. हालांकि डांट सुनना किसी को भी नहीं पसंद होता है.