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बीकॉम नहीं, कॉमर्स से 12वीं पास करने के बाद नौकरी दिलाएंगे ये कोर्स

12वीं पास करने के बाद किसी प्रोफेशनल कोर्स या कॉलेज की पढ़ाई को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है और अधिकतर विद्यार्थी इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि 12वीं के बाद कौनसा कोर्स किया जाए.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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12वीं पास करने के बाद किसी प्रोफेशनल कोर्स या कॉलेज की पढ़ाई को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है और अधिकतर विद्यार्थी इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि 12वीं के बाद कौनसा कोर्स किया जाए. अगर आपने 12वीं की पढ़ाई कॉमर्स से की है तो हम आपको कुछ ऑप्शन बता रहे हैं, जिनसे आप अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं और ये कोर्स कॉमर्स के बाद होने वाले सामान्य कोर्स से अलग भी है...

बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स): 12वीं के बाद सीधे बीकॉम करने से अच्छा है कि आप ऑनर्स या किसी विशेष में बीकॉम करें. इसके लिए बीकॉम ऑनर्स अच्छा विकल्प हो सकता है और बीकॉम ऑनर्स तीन साल का डिग्री प्रोग्राम है जिसमें कुल मिलाकर 40 विषय होते हैं. स्टूडेंट्स को इन विषयों के अलावा एक विषय में स्पेशलाइजेशन भी कराया जाता है. साथ ही आप अकाउंटिंग एंड फाइनेंस, टेक्सेशन आदि में कोर्स कर सकते हैं. वहीं बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियां लगातार कम हो रही है.

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कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट (CWA): कॉस्ट अकाउंटेंसी सीए से मिलता-जुलता कोर्स है. द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट ऑफ इंडिया कॉस्ट अकाउंटेंसी का कोर्स कराता है. 12वीं के बाद भी स्टूडेंट्स ICWA का कोर्स कर सकते हैं. इसके लिए 12वीं पास स्टूडेंट्स को पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है. कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को कॉस्ट अकाउंटेंट और इससे जुडे़ पदों पर काम करने का मौका मिलता है.

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चार्टर्ड अकाउंटेंट या कंपनी सेक्रेटरी: द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कराता है. इसमें पहले सीपीटी, आईपीसीसी और फाइनल चरण से गुजरना होता है. लेकिन इन्हें पास करना थोड़ा मुश्किल होता है. वहीं आईसीएसआई देश में कंपनी सेक्रेटरी प्रोग्राम चलाता है. साइंस, कॉमर्स और ऑर्ट्स, जिसमें फाइन आर्ट्स शामिल न हो, में 12वीं के बाद कंपनी सेक्रेटरी कोर्से के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके तीन चरण हैं- फाउंडेशन (आठ महीने), एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल.

बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस): मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए यह प्रोग्राम भी आपके लिए बेहतर हो सकता है. यह तीन साल का कोर्स है, जिसमें थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिससे स्टूडेंट में मैनेजमेंट स्किल्स का भी विकास होता है. इस कोर्स के बाद बिजनेस वर्ल्ड में नौकरी हासिल करना आसान हो जाता है.

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पढ़ाई के बाद इंटर्नशिप दिलाने में मदद करेंगी ये टिप्स

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएफपी): अगर आप फाइनेंस, वेल्थ मैनेजमेंट, इंश्योरेंस प्लानिंग, म्युचुअल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए परफेक्ट है. इसमें आप उन चीजों के बारे में बढ़ते हैं, जो भविष्य में काफी काम आ सकती है. इससे फाइनेंशियल प्लानिंग वर्ल्ड में नौकरी मिलना आसान हो जाता है.

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