भारत के एविशन सेक्टर यानी विमानन क्षेत्र में नौकरियों की बाढ़ आने वाली है. विमानन कंपनियों के बेढ़े में नए विमानों को शामिल किया जा रहा है. इससे विमानन क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की तादाद वर्ष 2017 तक करीब लगभग दो गुना बढ़कर 1.17 लाख हो जाने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
नागर विमानन सचिव अशोक लवासा द्वारा हैदराबाद में वायु संपर्क को बढ़ाना नाम से जारी किये गये फिक्की केपीएमजी रिपोर्ट में यहां कहा, विमानन क्षेत्र में जरूरी कुल मानव श्रमबल की संख्या वित्तवर्ष 2011 के 62,000 से बढ़कर वित्तवर्ष 2017 में 1,17,000 हो जाने का अनुमान है. इन मानव श्रमबल में पायलट, चालक दल के सदस्य, विमान के इंजीनियर और तकनीकीविद (एमआरओ), ग्राउंड हैन्डलिंग कर्मचारी, प्रशासनिक एवं बिक्री कर्मचारी शामिल हैं.
इसमें कहा गया है कि इसके अलावा विमानन उद्योग प्रत्यक्ष रोजगार के मुकाबले करीब छह गुना अप्रत्यक्ष एवं संबद्ध रोजगार सृजित होंगे. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2017 तक सभी हवाईअड्डों पर प्रत्यक्ष रोजगार की संख्या करीब 1,50,000 होगी जबकि घरेलू विमानन क्षेत्र के द्वारा वित्तवर्ष 2017 तक लगभग 10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष एवं संबद्ध रोजगार दिये जाने की उम्मीद है.
भारत मौजूदा समय में विश्व में नौवां सबसे बड़ा विमानन बाजार है जहां विमानों की संख्या करीब 400 है. इसके वर्ष 2020 तक तीसरा स्थान हासिल करने की उम्मीद है जहां विमानों की संख्या करीब 1,000 होगी.