बाल गंगाधर तिलक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का ऐसा दमकता सितारा, जिसने ना केवल मां भारती की संवा में अपना जीवन लगा दिया, बल्कि कई दूसरे लोगों को भी प्रेरित किया. पेश हैं उनके कथन, जो आज भी उतने ही प्रेरणादायक लगते हैं.
1. किसी पर अन्याय और अत्याचार करने वाला, उतना दोषी नहीं माना जा सकता, जितना कि उसे सहन करने वाला.
2. स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूंगा.
3. हम जिंदगी में सही राह कर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन भूल जाते हैं कि से राह इंतजार के लिए नहीं बल्कि उस पर चलने के लिए होती है.
4. एक कायर व्यक्ति के लड़ने पर भी जीत संभव है. लेकिन असली बहादुरी तब है, जब हार निश्चित होने के बावजूद लड़ा जाए.
5. इंसान के जीवन का लक्ष्य सिर्फ भोजन प्राप्त करना नहीं है. अगर ऐसा है, तो कौवा भी जूठन खाकर, जीवित रह लेता है.