किसी भी नौकरी को पाने की पहली सीढ़ी रिज्यूमे सेलेक्शन होता है. इसके सेलेक्ट होने के बाद ही आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. रिज्यूमे में आप अपनी एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन और अपने स्किल्स की काफी शॉर्ट में जानकारी देते हैं. सीवी में यह जानकारी डिटेल में दी जाती है. बायोडाटा में आप पर्सनल जानकारी देते हैं. अगर आप अपनी लाइफ में सीवी, रिज्यूमे और बॉयोडाटा में कंफ्यूज होते हैं तो यहां इनके अंतर को समझें.
1.बॉयोडाटा: बॉयोडाटा की फुल फॉर्म होती है बॉयोग्राफिकल डाटा. बॉयोडाटा में पर्सनल इंफोर्मेशन लिखी जाती है. जैसे मैरिटल स्टेटस, डेट ऑफ बर्थ, धर्म, जेंडर का जिक्र किया जाता है. भारत में बॉयोडाटा का इस्तेमाल अकसर शादी से पहले पर्सनल इंफोर्मेशन देने के मकसद से भी किया जाता है. जॉब के लिए इसका इस्तेमाल तब होता है जब कैंडिडेट्स सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे होते हैं. अंतर राष्ट्रीय स्तर पर जहां कैंडिडेट्स की पर्सनल इंफोर्मेशन जैसे धर्म, उम्र, जेंडर को बताना जरूरी नहीं होता, वहां बॉयोडाटा का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
रिज्यूमे: किसी भी नौकरी के लिए भेजे गए रिज्यूमे को सरसरी निगाह से देखा जाता है. इसलिए इसमें जो भी लिखा जाता है शॉर्ट में लिखा जाता है और उस इंफोर्मेशन का जिक्र किया जाता है जो बेहद जरूरी हो. एक तरह से रिज्यूमे में आपको नौकरी के लिए इंटरव्यू तक ले जाने का रास्ता है. वहीं सीवी को आपके इंटरव्यू के दौरान देखा जाता है. इसलिए रिज्यूमे की शुरू में ही अपने स्किल्स के साथ-साथ अपने क्षेत्र से जुड़ी स्पेशलाइजेशन का भी जिक्र करें. इससे रिक्रूटर को पता चलेगा कि आपका इंडस्ट्री में कितना अनुभव है.
सीवी (Curriculum Vitae): Curriculum Vitae एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है कोर्स ऑफ लाइफ. यह रिज्यूमे से ज्यादा डिटेल में होता है अमूमन 2 से 3 पेज का. सीवी में आपकी अब तक कि सारी स्किल्स की लिस्ट, सभी जॉब्स और पॉजिशंस, डिग्री, प्रोफेशनल डिग्री का जिक्र होता है. इसमें आप अपने पास्ट की उन चुनौतियों के बारे में लिख सकते हैं जिनका आपने सफलतापूर्वक सामना किया है. आपको बता दें कि रिक्रूटर हमेशा उन कैंडिडेट्स को पसंद करते हैं, जो लीक से हट कर सोचते हैं. सीवी अकसर उन कैंडिडेट्स के लिए सही रहता है जो फ्रेशर हैं या फिर वो करियर बदलना चाहते हों.
जानें सीवी और रिज्यूमे से जुड़े कुछ टिप्स
1. रिज्यूमे में वहीं बातें लिखें जिनके बारे में आप कॉन्फिडेंट हों. जितना संभव हो, अपने रिज्यूमे का फॉर्मेट सरल रखें.
2. अपने जॉब एक्सीपीरियंस की जानकारी सबसे हाल ही के ऑफिस से शुरू करके दें यानी उलटे क्रम में.
3.रिज्यूमे एक्टिव वॉइस में होना चाहिए और इसमें एक्सीपीरियंस से जुड़ी सूचना को बुलेट टेक्स्ट में दें, लंबे पैराग्राफ्स में नहीं.
4. अपने रिज्यूमे में कठिन शब्दों का इस्तेमाल न करें.
5. सीवी को जितना हो सके साधारण रखें और कोशिश करें कि 2 A4 साइज के पेपर में यह पूरा हो जाए. पहले पेज में अपना मिनी प्रोफाइल दें.
6. सीवी में जहां तो हो सके पर्सेनल डिटेल जैसे फोन नंबर, पता, नाम, ईमेल एड्रेस और सोशल मीडिया में आपकी उपस्थिति की शॉर्ट में जानकारी जरूर होनी चाहिए. इसके अलावा आप इसमें अपने उन टारगेट्स और अचीवमेंट्स का जिक्र भी कर सकते हैं जिसमें आपने सफलता पाई हो.