यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इसे लेकर विपक्ष ने तो आज राज्यसभा में हंगामा किया ही है. अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बीजेपी के भीतर भी इसपर मतभेद हैं. खास तौर पर यूपी और बिहार के सांसदों ने ऐतराज जताया है.
गौरतलब है कि कार्मिक मंत्री जीतेंद्र सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ऐलान किया कि सीसैट के प्रश्न-पत्र में पूछे जाने वाले अंग्रेजी के सवालों के अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि 2011 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 2015 की परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा. साल 2011 में ही सीसैट लागू किया गया था.
सरकार के इस फैसले से बीजेपी के कई सांसद संतुष्ट नहीं है. उनका मानना है कि अगर यही फैसला लेना था तो इसे पहले ही किया जा सकता है.
मुद्दे पर संसद में मचा हंगामा
इस मुद्दे पर राज्यसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा हुआ. एआईएडीएमके के सांसद तो सदन के वेल में घुस गए. जेडी(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, 'हम अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सीसैट खत्म किया जाना चाहिए.'
असंतुष्ट परीक्षार्थियों का प्रदर्शन जारी
इस मसले पर सरकार द्वारा घोषित बदलावों से असंतुष्ट परीक्षार्थियों का प्रदर्शन जारी है. पिछले 25 दिनों से मुखर्जी नगर में प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने सीसैट को पूरी तरह हटाए जाने तक जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है. प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे परीक्षार्थी पवन ने कहा, ‘सीसैट को लेकर कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान से हम बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं. हम सीसैट को पूरी तरह खत्म करने की मांग करते हैं. हमने जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है.’