मंगलवार सुबह होने वाली जेईई मेन परीक्षा से ठीक पहले, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित हिस्सों में रहने वाले छात्रों के लिए अपना परीक्षा स्थगन करने के लिए एक नागरिक द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की. जिसमें अदालत ने याचिका को खारिज दिया और जेईई मेन्स के संचालन की अनुमति दी.
साथ ही कोर्ट एक निर्देश जारी किया, जिसके अनुसार महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में रहने वाले छात्र जो परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वे उपयुक्त प्राधिकारी- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) में आवेदन कर सकते हैं.
बता दें कि भंडारा के निवासी नीतेश बावनकर द्वारा बाढ़ के चलते जेईई परीक्षा को स्थगित करने की मांग के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की. इसके लिए उन्होंने एक पत्र लिखा था, जिसमें जेईई मेन परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र जो नागपुर, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर, गोंदियाचंद गढ़चिरौली जिलों में बाढ़ से प्रभावित है, उनकी परेशानी के बारे में जिक्र किया था. साथ ही बताया गया था कि यहां के छात्रों को परीक्षा केंद्र में पहुंचने पर परेशानी हो रही है.
जिसके बाद न्यायमूर्ति आर के देशपांडे और पुष्पा गनेदीवाला की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए परीक्षा स्थगित करने पर विचार करने के लिए कहा.
पीठ ने कहा, कई जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति गंभीर है. छात्रों को अपनी गलती न होने पर खामियाजा नहीं उठाना चाहिए.'' अदालत ने कहा कि कोई भी पीड़ित छात्र अपने केन्द्र समन्वयक के माध्यम से एनटीए (NTA) के समक्ष आवेदन दायर कर सकता है. अदालत ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आवेदन पर गौर करके और संबंधित जिला कलेक्टर से विचार-विमर्श कर 15 दिन के अंदर फैसला लें.