बिहार में नई आरक्षण कानून बनने के बाद अब कुल मिलाकर आरक्षण 75 प्रतिशत हो गया है. सरकार ने बिहार में आरक्षण की सीमा 50% से बढ़कर 65% कर दी है. इसके अलावा स्वर्ण में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पहले से मिलने वाला 10% आरक्षण मिलता रहेगा. इससे आरक्षित वर्ग को सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों के एडमिशन में बढ़े 15 प्रतिशत का फायदा होगा. इसका असर जल्द ही बिहार शिक्षक भर्ती, बिहार पुलिस भर्ती समेत कई भर्तियों में देखने को मिलेगा.
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने हाल ही में आरक्षण नीति में बदलाव को लेकर विधानसभा में दो बिल पारित किया गया था, उसकी मंजूरी दे दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों को तत्काल प्रभाव से और पूर्ण रूप से आरक्षण लागू करने के निर्देश दे दिए हैं.
सरकारी सेवाओं व एडमिशन में आरक्षण
इन सरकारी भर्तियों में मिलेगा नए आरक्षण का फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बिहार में जल्द ही विभिन्न विभागों में अलग-अलग पदों पर बंपर भर्तियां निकाने वाली हैं. 21 नवंबर के बाद से अब जो भी भर्तियां निकाली जाएंगी, उनमें आरक्षण लागू होगा. बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की हेडमास्टर पद पर 6000 से ज्यादा भर्ती, बिहार पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर पद पर 10000 भर्ती, मेडिकल सेक्टर में डॉक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिकल एक्सपर्ट्स, जूनियर डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट समेत फैकल्टी पदों पर भर्ती आदि सरकारी नौकरियों में नए आरक्षण का लाभ मिलेगा.
शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ
राज्य के सरकारी मेडिकल, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की करीब 23 हजार सीटों पर बढ़े आरक्षण का लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा. इसके अलावा महाविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों पर भी नया रिजर्वेशन फॉर्मूल लागू होगा.
सबसे ज्यादा रिजर्वेशन देने वाला देश का दूसरा राज्य बिहार
बता दें कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के मामले में बिहार देश का पहला राज्य बन गया है. इसके बाद तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 69 प्रतिशत आरक्षण है.