भारतीय रेलवे दुनिया में सबसे बड़े रेल तंत्रों में से एक है. लगभग 161 वर्ष पहले शुरू हुए भारतीय रेलवे को सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले क्षेत्र में गिना जाना जाता है. बहुत कम लोग जानते हैं कि रेलवे में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयां देने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक जमाने में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के पद पर काम कर चुके हैं.
आइए बताते हैं कि रेलवे में पदों की क्या क्या कैटेगरी हैं और नौकरी पाने के लिए कौन सी परीक्षाएं देनी होती हैं. रेलवे दसवीं से लेकर इंजीनियरिंग-मेडिकल डिग्रीधारकों तक के लिए विभिन्न प्रकार के पद रेलवे परिचालन से जुड़े विभिन्न विभागों में हैं. रेलवे के अंतर्गत आने वाले सभी पद चार कैटेगरी (A, B , C, D) में बंटे हुए होते है.
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ग्रुप ए:
ग्रुप ए और बी 'ऑफिसर ग्रेड' में गिने जाते हैं. उम्मीदवारों की भर्ती सिविल सर्विस एग्जाम/इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम/कंबाइंड मेडिकल एग्जाम के जरिए होती है. आम तौर पर यूपीएससी ये परीक्षाएं करवाती है. ग्रुप ए लेवल के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से इंजीनियरिंग, एमएससी डिग्री या एमबीबीएस के लेवल की डिग्री होना जरूरी है.
ग्रुप बी:
ग्रुप बी के लिए कोई स्पेशल एग्जाम नहीं होता है. इस लेवल की भर्ती अमूमन ग्रुप सी लेवल वालों को प्रमोट करके की जाती है.
ग्रुप सी और डी:
ग्रुप सी और डी के पद नॉन-गैजेटेड सबऑर्डिनेट पोस्ट के अंतर्गत आते है. इनकी भर्ती 19 रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स की ओर से पूरे साल चलती रहती है. इनमें सहायक स्टेशन मास्टर, गार्ड्स, क्लर्क, टिकट कलेक्टर, ट्रैफिक अप्रेंटिस, स्टेनोग्राफर, कैटरिंग मैंनेजर हेल्पर, खलासी, ट्रॉलीमैन, ट्रैकमैन आदि के पद आते हैं, जिनके लिए भर्ती का आधार लिखित चयन परीक्षा होती है. इनमें ऑजेक्टिव टाइप सवाल पूछे जाते हैं. इनमें अंग्रेजी, हिंदी, जनरल नॉलेज, मैथ, रीजनिंग से जुड़े सवाल होते हैं.
अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि रेलवे में बाकायदा सांस्कृतिक कोटा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कलाकारों को भी चयन प्रक्रिया और उनके अनुभवों के आधार पर नियुक्त किया जाता है. इनकी आयु सीमा 18 से 33 वर्ष हो सकती है और इनका कम से कम दसवीं पास होना जरूरी है. इनके चयन में मान्यता प्राप्त संस्थान से संगीत, नृत्य, नाटक आदि में प्रमाणपत्र के अलावा लिखित चयन परीक्षा का भी सहारा लिया जाता है.
रेलवे सिस्टम में मौजूदा लगभग 350 स्कूल कार्यरत हैं जिनमें लगभग साढ़े पांच हजार अध्यापक हैं. इनकी भर्तियां टीजीटी, पीजीटी, क्रामंट टीचर, प्राइमरी टीचर, फिजिकल एजुकेशन इंस्ट्रक्टर या लाइब्रेरियन के रूप में लिखित परीक्षा के आधार पर की जाती है.
रेलवे की ज्यादातर जॉब लंबे समय तक घर से बाहर रहकर करनी होती है. लिहाजा रेलवे में काम करने वालों को अपनी मानासिक और शारीरिक सेहत का बेहद ख्याल रखना पड़ता है. यह लंबे समय तक काम करने के लिए भी जरूरी है.