केंद्र ने सरकार ने सीधी भर्तियों के तहत दृष्टिहीनता या
सेरिब्रल पाल्सी से पीड़ित लोगों के लिए अधिकतम आयु सीमा में ढील को 10
साल, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए 15 साल और ओबीसी के लिए 13
साल बढ़ाने का फैसला किया है.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा तैयार किए गए मसौदा नियमों के अनुसार अशक्तता से ग्रस्त लोगों के लिए उम्र में छूट स्वीकार्य होनी चाहिए. फिर चाहें वो पोस्ट अशक्त लोगों के लिए रिजर्व है या नहीं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पोस्ट अशक्तों की प्रासंगिक श्रेणी के लिए उपयुक्त पाई गई हो.
नियमों में कहा गया है कि यह प्रावधान सिविल सेवा परीक्षा पर लागू नहीं होगा. मसौदा नियमों के अनुसार अधिकतम उम्र सीमा में 10 साल की छूट, (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए 15 साल और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 13 साल) वैसे लोगों को दी जानी चाहिए जो:
(a) दृष्टिहीन हैं या जिनके आंखों में कम रोशनी है.
(b) जिनकी सुनने की शक्ति प्रभावित है.
(c) जो लोकोमोटर अशक्तता या सेरिब्रल पाल्सी से ग्रस्त हैं.
उन्हें केंद्र सरकार के तहत सभी सिविल पदों या सेवाओं के लिए सीधी भर्ती के मामले में यह छूट मिलेगी.
- इनपुट भाषा