वैसे तो नींद सभी को प्यारी होती है, लेकिन इस बात से तो कमोबेश सभी सहमत होंगे कि वर्कप्लेस पर सोने की बात ही कुछ और होती है. क्या आपको '3 इडियट्स' फिल्म का प्रिंसिपल वीरू सहस्त्रबुद्धे याद है? अरे वह जब ओपेरा सुनते हुए 7 मिनट की पावर नैप (झपकी) लेते थे तो सारे स्टूडेंट्स उनकी फिरकी लिया करते थे.
लेकिन यह एक साबित फैक्ट है कि वर्कप्लेस पर पावर नैप आपकी कार्यक्षमता बढ़ा देता है. दुनिया के मशहूर और सफलतम वैज्ञानिक आइंस्टीन, न्यूटन और द विंची जैसे कलाकार पावर नैप लिया करते थे. तो अगली बार जब आपका बॉस आपकी झपकी पर सवाल पूछे तो इस आर्टिकल का लिंक उन्हें फॉरवर्ड कर दीजिए.
30 मिनट का पावर नैप कर सकता है कमाल...
रात में लंबी तान के सोने के बजाय आप वर्क प्लेस पर पावर नैप (झपकी) का मजा लें, और आप जल्द ही देखेंगे कि इस पावर नैप की वजह से आप अपना काम बेहतर तरीके से निबटा सकेंगे.
नासा ने भी पावर नैप की तरफदारी की है...
दुनिया के सबसे प्रमुख साइंटिफिक रिसर्च संस्थान के तौर पर मशहूर अमेरिका के नासा नामक संस्थान ने भी ऐसी ही बातें कही हैं, और दुनिया के दूसरे रिसर्चों को अगर सही मानें तो वे कहते हैं कि दोपहर आते-आते लोगों की कार्यक्षमता में कमी आने लगती है, और पावर नैप उसकी भरपाई कर सकते हैं.
दुनिया के बेहतरीन वर्कप्लेस कर रहे हैं पावर नैप की व्यवस्था...
दुनिया के बेहतरीन वर्कप्लेस के तौर पर शुमार किए जाने वाले गूगल और हफिंगटन पोस्ट जैसे दफ्तर अपने कर्मचारियों के लिए पावर नैप जोन बनाए हैं. इन जोन में कर्मचारी जा कर आराम कर सकते हैं.
अब हम तो अपनी नौकरी छोड़ कर गूगल के पास सीवी भेजने जा रहे हैं. आप अपना समझ लीजिए, और उम्मीद करते हैं कि यह लेख हमारे बॉस भी पढ़ रहे हों. आखिर पावर नैप की सबसे अधिक जरूरत उन्हें ही तो है, है कि नहीं?