DU Admission: दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के कुलपति योगेश सिंह को पत्र लिखकर डीयू में खाली सीटों को भरने के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए कट-ऑफ मार्क्स कम करने की मांग की है. उन्होंने डीयू वीसी को लेटर लिखकर कहा कि पिछले सालों में एससी-एसटी के छात्रों को डीयू में एडमिशन के लिए कट-ऑफ में छूट दी गई थी.
एससी-एसटी वेलफेयर मंत्री राज कुमार आनंद ने डीयू वीसी को लिखा कि इससे पहले, दिल्ली विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में सभी सीटें भरने तक अनुसूचित जाति की सीटें खाली होने पर कट-ऑफ मार्क्स कम कर देता था. इस साल से समान प्रक्रिया के बजाय सीयूईटी में प्राप्त अंकों/रैंक के आधार पर अनुसूचित जाति के छात्रों का एडमिशन होता है, जिसके चलते अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को परेशानी हो रही है.
उन्होंने कहा, 'डीयू में एससी छात्रों की खाली सीटों को भरने के लिए कट-ऑफ अंक कम करना चाहिए ताकि छात्रों को एडमिशन (DU Admission) लेने में कोई कठिनाई न हो. पिछले वर्षों में, एससी छात्रों को डीयू में प्रवेश पाने के लिए कट-ऑफ अंक से छूट दी गई थी.'
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन डीन हनीत गांधी ने जानकारी दी थी कि डीयू एडमिशन के सभी राउंड बाद करीब सात फीसदी सीटें खाली हैं. एकेडमिक ईयर 2023 में कुल 70,000 सीटों में से लगभग 65,000 छात्रों को अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन दिया गया है, जबकि 11,300 छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन दिया गया है.
बता दें कि यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय ने छात्रों के कक्षा -12 के स्कोर के आधार पर प्रवेश लेने की पुरानी प्रथा को छोड़ते हुए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के माध्यम से एडमिशन दिया है. नई प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से डीयू ने 67 कॉलेजों, विभागों और केंद्रों में 79 यूजी प्रोग्राम में छात्रों को एडमिशन दिया है. डीयू ने एडमिशन प्रोसेस के लिए सितंबर में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS), 2022 लॉन्च किया था.