दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने सोमवार को मांग की कि कोरोना वायरस के दौरान सावधानी बरतते हुए, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (ECA) के सभी ट्रायल को सावधानी के साथ आयोजित किया जाना चाहिए.बता दें, सोमवार को आयोजित इमरजेंसी ईसी की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था.
यूनिवर्सिटी ने तय किया था कि ECA कैटेगरी में प्रवेश प्रमाणपत्रों के आधार पर होगा. इस साल, DU ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर NCC और NSS प्रमाणपत्र रखने वालों पर ECA प्रवेश नहीं लेने का फैसला किया था, लेकिन यह जुलाई में तय किया गया था कि म्यूजिक, डांस, divinity, योगा सहित 12 कैटेगरी के तहत प्रवेश इस वर्ष प्रमाणपत्रों के आधार पर होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कार्यकारी परिषद के सदस्य राजेश झा ने कहा कि उन्हें गुरु, आर्टिस्ट और एक्सपर्ट से कई पत्र मिले हैं, जिन्होंने सुझाव दिया कि ECA कोटा प्रवेश के लिए परीक्षण को COVID -19 के लिए आवश्यक सावधानियों के साथ आयोजित किया जा सकता है.
इन विषयों के लिए ट्रायल होना चाहिए. उन्होंने कहा, "भीड़ से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों को ईसीए की चयन प्रक्रिया और दाखिले की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि कॉलेज स्टाफ काउंसिल के अधिकार क्षेत्र के भीतर प्रवेश वैधानिक रूप से होता है.''
आपको बता दें, नियमित छात्रों में, लगभग चार प्रतिशत छात्र ओपन बुक परीक्षा के पहले चरण में उपस्थित नहीं हुए, जो स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के मामले में 13 प्रतिशत और दिव्यांग छात्रों के लिए 23.5-24 प्रतिशत तक बढ़ गया था.
उन्होंने कहा, "कई शिक्षक ऐसी स्क्रिप्ट्स सौंपे जाने की सूचना दे रहे हैं जो उनके विषयों की नहीं हैं" कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने यह भी मांग की कि यूनिवर्सिटी को अस्थायी और तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए.