विदेश में पढ़ाई करने का सपना देखनेवालों स्टूडेंट्स के लिए जर्मनी सबसे बेहतर ऑप्शन बनकर उभर रहा है. यूरोप में उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस ख़त्म कर दिया गया है. इस कदम से उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड या अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए एक और विकल्प खुल गया है.
भारतीय छात्रों की संख्या के मामले में आज भी अमेरिका सबसे उपर है. लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को लेकर छात्रों में क्रेज़ कम हुआ है. वहीं जर्मनी जाने को लेकर भारतीय छात्रों की दिलचस्पी बढ़ी है. 2008 से जर्मनी जाने वाले छात्रों की तादाद में 114 % का इज़ाफा हुआ है.
वो कारण जिनसे जर्मनी बना हॉटस्पॉट:
1. जर्मनी में अब अंग्रेज़ी में भी कई पाठ्यक्रम की पेशकश की जा रही है. इसके लिए आपको जर्मनी जानने की ज़रूरत नहीं है.
2.ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद छात्र 18 महीने तक जर्मनी में ही नौकरी की तलाश कर सकते हैं. जबकि इंग्लैंड में ये अवधि 4 महीने, अमेरिका में 1 साल और ऑस्ट्रेलिया में 2 साल है.
3. जर्मनी में पढ़ाई के दौरान छात्र सालभर में 120 पूरे दिन और 240 आधे दिन काम कर सकते हैं.
4. पूरी दुनिया की 100 सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में जर्मनी की 8 यूनिवर्सिटी शुमार करती हैं. (टाइम्स उच्च शिक्षा और शंघाई रैकिंग के मुताबिक)
5. तुलनात्मक रूप से जर्मनी की सभी यूनिवर्सिटीज़ में गैर-पेशेवर कोर्स की सालाना फीस सामान्य है. जबकि आइवी लीग विश्वविद्यालयों और छात्रवृत्ति में कटौती के कारण इसको नहीं जोड़ा गया है.
सौजन्य: Newsflicks