सरकार देश भर में मेडिकल सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए आईएएस और आईपीएस की तर्ज पर एक इंडियन मेडिकल सर्विसेज बनाना चाहती है. इस आशय का एक प्रस्ताव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा था लेकिन इस पर पहले कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. अब नई सरकार के आने के बाद ऐसी केंद्रीय सेवा शुरू होने के आसार हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कार्मिक मंत्रालय ने दो प्रस्ताव भेजे हैं. एक प्रस्ताव सेवारत डॉक्टरों की ओर से है और दूसरा एक पूर्व सांसद की ओर से. इन सभी ने एक पृथक मेडिकल सर्विस शुरू करने का आग्रह किया है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार ऑल इंडिया परीक्षा के जरिये आईएएस और आईपीएस की तर्ज पर एक मेडिकल सर्विस सृजित करे. उन्हें भी वैसी ही सुविधाएं और प्रशिक्षण मिलना चाहिए.
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन इस बारे में चुप हैं लेकिन उनके एक करीबी ने बताया कि उन्हें यह विचार पसंद है. ऐसा समझा जाता है कि इस बारे में फिर से चर्चा होगी क्योंकि इस विषय से संबंधित फाइलें मंगाई गई हैं. हेल्थकेयर मोदी सरकार की वरीयता है और वह इसे बेहतर बनाने का इरादा रखती है.
देश में इस समय डॉक्टरों की भारी कमी है. 1,700 की आबादी पर सिर्फ एक डॉक्टर है जबकि 1,000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए था. अभी देश में मेडिकल कॉलेजों की भी भारी कमी है. डॉक्टरों को समुचित ट्रेनिंग भी नहीं मिल पा रही है.