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दुबई में नौकरी पक्की! ये दो चैलेंज सॉल्व करने पर बड़ा इनाम भी मिलेगा, अरबपति ने किया वादा

दुबई में EMAAR के संस्थापक मोहम्मद अलअब्बार ने युवाओं के लिए दो चैलेंज रखे हैं। इन चैलेंज को सॉल्व करने वालों को अविश्वसनीय इनाम और उनकी कंपनी में नौकरी का अवसर मिल सकता है। अलअब्बार ने मार्केटिंग टीम को हटाकर प्रोडक्ट क्वालिटी और ग्राहकों के जुड़ाव पर ध्यान देने की बात कही।

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो सोर्स- Pexels)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो सोर्स- Pexels)

दुबई में नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक और EMAAR प्रॉपर्टीज के संस्थापक मोहम्मद अलअब्बार ने हाल ही में जनता के सामने दो चैलेंज रखें हैं, जिन्हें सॉल्व करने वालों को "अविश्वसनीय इनाम" और यहां तक कि उनकी कंपनी में नौकरी का मौका भी मिल सकता है.

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पहली चुनौती

अलअब्बार दुबई के मशहूर डाउनटाउन दुबई को दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्थान बनाना चाहते हैं. उन्होंने एक एक-वर्षीय मार्केटिंग कैपेंन का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य 150 मिलियन से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना है.

दूसरी चुनौती

दूसरी चुनौती वैश्विक आवास संकट से जुड़ी है. अलअब्बार ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि वे 13 भाइयों के साथ एक छोटे से कमरे में रहते थे. उन्होंने कहा कि दुबई में बहुत से लोग सोशल हाउसिंग में रहते थे, लेकिन फिर यूएई सरकार ने नागरिकों को घर मुहैया कराए. आज दुनिया भर में 1.8 मिलियन लोगों के पास घर नहीं है." इसलिए अलअब्बार एक ऐसे कैंपने चलाना चाहते हैं, जो इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए एक हब तैयार कर सके. हालांकि इनाम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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ईमानदारी और गुणवत्ता पर जोर

दुबई में सोमवार को 1 बिलियन समिट के दौरान अलअब्बार ने अपने मार्केटिंग टीम को हटाने की वजह भी बताई. उन्होंने पारंपरिक मार्केटिंग को "भ्रामक" बताते हुए कहा कि उनका ध्यान अब केवल प्रोडक्ट की क्वालिटी और ग्राहकों के साथ प्रामाणिक जुड़ाव पर है. समिट को संबोधित करते हुए, अलअब्बार ने स्क्रीन पर अपना पर्सनल ईमेल एड्रेस शो किया, जिसमें प्रतिभागियों से सॉल्यूशन मांगे गए थे.

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युवाओं को दिया मेहनत का संदेश

अलअब्बार ने अपनी असफलताओं और संघर्षों के बारे में भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने 17 साल की उम्र में काम शुरू किया, लेकिन सफलता 39 साल की उम्र में मिली. उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि सफलता रोजाना की मेहनत से मिलती है, न कि साप्ताहिक प्रयास से. उन्होंने कहा, "आपको हर दिन कड़ी मेहनत करनी होगी और असफलताओं से सीखते रहना होगा." उन्होंने प्रतिभागियों को उनके ईमेल पर अपने विचार और समाधान भेजने के लिए प्रोत्साहित किया.

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