कर्नाटक में पहली से पांचवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए अब कन्नड भाषा को पढ़ना जरूरी होगा. कर्नाटक में पहली से पांचवीं क्लास तक की प्राथमिक शिक्षा में कन्नड भाषा को अनिवार्य किए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में मंजूरी दे दी गई है.
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कर्नाटक भाषा अध्ययन विधेयक 2015 में कहा गया है कि क्लास एक से पांचवीं के स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से कन्नड़ भाषा पढ़नी होगी. इसके साथ ही निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा बाल अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन कर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा बाल अधिकार अधिनियम (कर्नाटक संशोधन) 2015 बनाया गया है.
इस एक्ट के तहत कन्नड भाषा के साथ अनिवार्य शिक्षा के लक्ष्य को सुनिश्चित किया जाएगा.