मुस्लिम एमबीए ग्रेजुएट को नौकरी देने से इनकार करने वाली मुंबई निर्यात कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है.
मामले पर गंभीर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के महाराष्ट्र के सीएम ने जांच का आदेश दिया है. मामले के बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के सीएम ने बताया, ‘मैं समझता हूं कि यह पूरी तरह गलत है.कंपनी को कौशल के अभाव में किसी का चयन नहीं करने का अधिकार है लेकिन धर्म के नाम पर नौकरी से इनकार पूरी तरह अस्वीकार्य है. हम इस मामले की जांच करेंगे.’ बाद में वीबी नगर पुलिस ने कंपनी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
जीशान अली खान ने कहा ' इस मामले में कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मुंबई पुलिस की तारीफ करते हुए जीशान ने कहा कि पुलिस ने काफी सपोर्ट किया और आशा करता हूं कि ऐसा मामला दोबारा ना हो.
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुहास राउत का कहना है कि केस आईपीसी सेक्शन 153-B, 153-1b के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एनसीएम के चेयरपर्सन नसीम अहमद का कहना है कि अगर यह मामला सही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आपको बता दें कि 22 साल का जीशान अली खान जब मुंबई की निर्यात कंपनी में नौकरी के लिए गया तो उसे यह कहकर नौकरी देने से इनकार कर दिया गया कि वो मुस्लिम है.
मुंबई से बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रेजुएट जीशान अली खान ने 19 मई को नौकरी के लिए आवेदन किया था. उसके अनुसार कंपनी की तरफ से उसे 15 मिनट में ही जवाब मिल गया जिसमें कहा गया कि वे केवल गैर मुस्लिम उम्मीदवारों को ही नौकरी पर रखते हैं.
हालांकि कंपनी ने जीशान को एक माफी के लिए लेटर भी लिखा है. लेटर में हरी
कृष्णा एक्सपोर्ट के हेड एचआर महेंद्र देशमुख ने लिखा है कि हम यह साफ करना
चाहते हैं कि कंपनी किसी भी लिंग, जाति और धर्म के आधार पर किसी भी तरह का
भेदभाव नहीं करती है. जीशान इस माफी नामे से संतुष्ट नहीं है.