रूस की यूनिवर्सिटीज भारत के स्टूडेंट्स की पसंद बन रही है. कई आंकड़ें बताते हैं कि रूस में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ रही है. रूस की यूनिवर्सिटीज में 2012 में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में सालाना 60 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2012 में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या 280 थी, जो 2012 में 450 तक पहुंच गई. एम्बेसी के अनुसार इस समय रूस में विभिन्न संस्थानों में करीब 5,000 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं.
कौन सा कोर्स है स्टूडेंट्स की पहली पसंद:
रूस में पढ़ाई करने वाले 99 फीसदी स्टूडेंट्स मेडिकल और फार्मास्युटिकल कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के तहत मान्यता प्राप्त सभी रूसी संस्थानों को भारत में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा इंजीनियरिंग, कम्यूनिकेशन और फॉरेसिंक साइंस जैसे कुछ अन्य कोर्सों में भारतीय स्टूडेंट्स की रूचि भी बढ़ रही है.
क्यों चुने रूस के संस्थानों को?
हायर एजुकेशन के 600 से ज्यादा इंस्टीट्यूट करीब 500 अलग-अलग स्पेशल कोर्स कराते हैं. दूसरी बात जो स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा लुभाती है वह है वहां के टीचरों को स्टूडेंट्स के साथ गहरा संबंध. रूस के टीचर स्टूडेंट्स की बहुत मदद करते हैं और स्टूडेंट्स को कोई भी चीज समझाने की पूरी कोशिश करते हैं. दुनिया की जानी-पहचानी यूनिवर्सिटीज तरह-तरह के कोर्स और अच्छे एजुकेशनल माहौल के कारण रूस आज स्टूडेंट्स की पहली पसंद बन रहा है.