मोदी सरकार ने गैर प्लान बजट में खर्च 10 फीसदी तक कम करने के लिए एक साल तक केंद्र सरकार के विभागों में नए पद बनाने या खाली पदों पर नियुक्ति करने पर रोक लगा दी है. सरकार ने यह कदम वित्तीय घाटे पर काबू पाने के लिए उठाया है.
सरकार ने कहा है कि केंद्रीय सरकारी विभागों में इस साल नए पदों का सृजन नहीं किया जाएगा और साथ ही जो पद एक साल से ज्यादा समय से खाली हैं उन्हें भी नहीं भरा जाएगा. हालांकि "बहुत जरूरी और अपरिहार्य परिस्थितियों" में ऐसा नहीं होगा.
यही नहीं सरकार ने फाइवस्टार होटलों में सरकारी बैठकों के आयोजन पर प्रतिबंध और प्रथम श्रेणी की विमान यात्रा पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है.
इसके अलावा अधिकारियों को यह भी सलाह दी गई है कि अगर मीटिंग जरूरी नहीं है तो उसे जहां तक हो सके टालने की कोशिश करें या जहां तक संभव हो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रेस वार्ता की जाए.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि नए वाहन न खरीदे जाएं जबकि रक्षा जरूरतों के लिए वाहनों की खरीद पर रोक नहीं है. इसके अलावा विदेश में सेमिनार और प्रदर्शनी के आयोजन पर भी रोक लगाई गई है.
मंत्रालय के मुताबिक ये उपाय इस बात को ध्यान में रखकर किये गये हैं कि सरकार की परिचालन कुशलता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आये और बेहतर वित्तीय अनुशासन बना रहे.
बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 फीसदी तक सीमित रखने के प्रयास के तहत खर्च में कटौती के उपाय किये हैं. इससे ब्याज और ऋण का भुगतान, रक्षा बजट, वेतन और भत्ते पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा.