देश का पहला और सबसे बड़ा आईटी पार्क यानी टेक्नोपार्क अगले दो साल में 45,000 नौकरियां देगा. यह भारत को आईटी पॉवरहाउस बनाने के प्रयास का हिस्सा है. इसके साथ ही इसके द्वारा 90,000 रोजगार का सृजन होगा.
टेक्नोपार्क अगले साल अपनी स्थापना के 25 साल पूरे करेगा. मौजूदा समय में यह पार्क 330 आईटी कंपनियों के जरिए प्रत्यक्ष रूप से आईटी या आईटी से जुड़े उद्योग के 45,000 पेशेवर उपलब्ध करा रहा है.
टेक्नोपार्क के तीसरे चरण की इमारत के अतिरिक्त टीसीएस, इंफोसिस, यूएसटी ग्लोबल, टाटा एक्सी, आईबीएस के निर्माण कार्य के साथ करीब 45,000 अतिरिक्त नौकरियों का सीधा सृजन किया जाएगा. इसके साथ ही 90,000 प्रत्यक्ष और 3,50,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा.
टेक्नोपार्क के सीईओ के.जी.गिरीश बाबू ने कहा कि परिसर में मौजूद कंपनियों के जरिए गत 24 सालों में रोजगार के संदर्भ में बढ़ी इसकी क्षमता अगले दो सालों में दोगुनी हो जाएगी.
टेक्नोपार्क के निर्यात की कमाई वित्त वर्ष 2013-14 में 5,000 करोड़ रुपये रही, जबकि 2012-13 में 3,500 करोड़ रुपये थी. इस दौरान इसके आधारभूत संरचना में 11 लाख वर्ग फुट अतिरिक्त जोड़ा गया है.
टेक्नोपार्क के प्रथम और दूसरे चरण का निर्माण 25 लाख वर्ग फुट में हो रहा है और यह अगले साल पूरा होगा.
जो कंपनियां अपने परिसर का निर्माण खुद कर रही हैं, उनमें इंफोसिस, टीसीएस, यूएसटी ग्लोबल, टाटा एलेक्सी और आईबीएस शामिल हैं.
गिरीश बाबू ने कहा, "ट्विन टावर- गंगा और यमुना में 8,500 सीटों की क्षमता है जिसका निर्माण तीसरे चरण के तहत किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा निर्मित किए जा रहे ये अत्याधुनिक टावर 2015 तक कंपनियों से भर जाएंगे. नए ट्विन टॉवर में 40 कंपनियों को जगह आवंटित की गई है. अन्य 18 कंपनियां जल्द अपना काम शुरू करेंगी."