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GATE 2015 एग्जाम देने वालों के लिए टिप्स

ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) अखिल भारतीय परीक्षा है. जिसमें इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के अलग-अलग अंडरग्रेजुएट सब्जेक्ट का टेस्ट लिया जाता है.

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क्या है गेट
ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) अखिल भारतीय परीक्षा है. जिसमें इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के अलग-अलग अंडरग्रेजुएट सब्जेक्ट का टेस्ट लिया जाता है. नेशनल कोऑर्डिनेशन बोर्ड गेट और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से गेट का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और सात आईआईटी मिलकर संयुक्त रूप से करते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं आसान टिप्स जो आपकी गेट एग्जाम में काफी मदद करेंगे.

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गेट 2015 में क्या होगा नया
(1) गेट स्कोर अब तीन साल के लिए वैलिड माना जाएगा.
(2) रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का ऑनलाइन कर दिया गया है.
(3) सभी स्ट्रीम के टेस्ट ऑनलाइन होगा.
(4) एग्जाम में साइंटिफिक कैलकुलेटर्स के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी, लेकिन इसकी जगह स्टूडेंट्स को वर्चुअल साइंटिफिक कैलकुलेटर्स लाइव उपलब्ध होगा.
(5) मल्टीपल चॉइस क्वेश्चंस के अलावा टेस्ट में न्यूमेरिकल आंसर वाले क्वेश्चंस भी होंगे.
(6) गेट 2014 टेस्ट में लिंक्ड और कॉमन डेटा क्वेश्चंस नहीं थे. गेट 2015 में भी ऐसा रहने की उम्मीद है.

गेट देने वालों के लिए टिप्स
(1) मॉक टेस्ट सीरिज में शामिल हों. इससे आपको ऑनलाइन पैटर्न एडाप्ट करने में आसानी होगी. आप अपनी तैयारी का अस्समेंट कर सकेंगे. इस तरह के टेस्ट के अनालिसिस के आधार पर आप उन एरियाज पर फोकस कर सकेंगे जिनमें आप कमजोर हैं.

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(2) हाई रिटर्न वाले टॉपिक पर फोकस करें. कुल मार्क्स में 30 फीसदी हिस्सा इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स और जनरल एबिलिटी के सवालों का होता है और इनमें नंबर हासिल करना भी आसान होता है.(3)एग्जाम के पहले रिलैक्स रहें. एग्जाम के एक दिन पहले इसके बारे में सोचना बंद कर दें.

गेट एग्जाम का पैटर्न
(1) इस पेपर में कुल 35 सवाल आते हैं, जिनमें 100 मार्क्स मिलते हैं इसमें से 15 मार्क्स के 10 सवाल जनरल एप्टीट्यूड के होते हैं.
(2) MCQ:एक या दो मार्क्स के ये सवाल सभी पेपर और सेक्शन में होते हैं और प्रत्येक में जवाब के चार विकल्प होते हैं.
(3) न्यूमेरिकल आंसर वाले क्वेश्चंस हर पेपर और सेक्शन में एक या दो मार्क्स वाले या ये सवाल होते हैं. इन सवालों के लिए रियल नंबर में जवाब कैंडिडेट को वर्चुअल कीपैड इस्तेमाल करते हुए एंटर करना होता है.

कुछ ऐसा होगा असर
एग्जान ऑनलाइन होने के कारण स्टूडेंट्स को कंप्यूटर आधारित टेस्ट से को जानना होगा.गेट में एक समस्या डायग्राम के दोहराव की हो सकती है. स्टूडेंट्स को इसके लिए प्रैक्टिस होने की जरूरत है.
न्यूमेरिकल आंसर वाले क्वेश्चंस होने की वजह से जहां चार विकल्पों में से एक को चुनने की जगह अब एक ही जवाब एंटर करना होगा. गेस करने का मौका अब खत्म हो गया है.

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