scorecardresearch
 

UP: कोरोना का दंश झेल रहे ये बच्चे, माता-पिता के जाने के बाद कैसे पूरा होगा टीचर-इंजीनियर बनने का सपना

अब भाई-बहन के सर से मां-बाप का सहारा नही है दोनों गाजियाबाद नवयुग मार्केट के पास चंद्रपुरी में ही चाचा के पास रह रहे हैं. अब दोनों बच्चों के पास जीवनयापन से लेकर उनके माता-पिता के सपनों की जिम्मेदारी है जिसे वे कैसे पूरा कर पाएंगे. इस बड़े सवाल का नहीं मिल रहा जवाब.

Advertisement
X
अपने सपने संवारना चाहते हैं ये बच्चे (Photo: aajtak.in)
अपने सपने संवारना चाहते हैं ये बच्चे (Photo: aajtak.in)

12 वीं का एक छात्र इंजीनियर बनना चाहता है. वो कैसे भूल जाए इस सपने को? उसके पिता की आखिरी इच्छा भी तो यही थी. साल 2010 में पिता का निधन हो गया था. युवा के सपने को तब और बल मिला जब उसने अपनी मां को पिता की भी जिम्मेदारी निभाते हुए देखा. 

Advertisement

फिर उसकी जिंदगी से कोरोना की दूसरी लहर ने मां भी छीन ली. अब वो बच्चा बेसहारा हो गया. उसकी छोटी बहन तो मां के जाने के बाद बोल भी नही पा रही हैं लेकिन वो फिर भी हिम्मत बंधाती हैं और कहती है कि वो टीचर बनेगी. इस वक्त दोनों भाई बहन फिलहाल अपने चाचा के पास रह रहे हैं. चाचा ने कहा कि अभी तक प्रशासन से उन्हें किसी भी तरह मदद नही मिली है लेकिन प्रशासन के अधिकारियो को परिवार ने सारी जानकारी दे दी है. अब भाई-बहन के सि‍र पर मां-बाप का सहारा नही है दोनों अपने चाचा के पास रह रहे हैं.

यह अकेली व्यथा नहीं है. कमोबेश कोरोना की दूसरी लहर ने कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया है. अब इन बच्चों के सामने कुछ है तो सरकार की ओर से इनको मदद की उम्मीद और आंखों में पल रहे माता-पिता के सपने. अब देखना ये है कि सरकार इस दिशा में कितनी गंभीर होकर काम करती है.  

Advertisement

लग्जरी गाड़ी से अनाथ बच्चों को पहुंचा रहे राशन- खिलौने 

सीएम योगी की उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और पीएम केयर्स फंड कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को सहायता देने का काम कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यूपी सरकार अनाथ बच्चों को 18 साल की उम्र तक 4000 हर माह केयरटेकर को देगी . केयरटेकर ना होने की दशा में बाल गृह में रहने का मौका दिया जाएगा.

 बीजेपी नेता अजय शर्मा ने कहा कि हमारा परिवार नाम  की मुहिम से अब तक अनाथ बच्चो के 40 परिवारो को वो मदद दे चुके हैं. गाज‍ियाबाद के खोड़ा के एसएस इंटरनेशनल स्कूल में अनाथ बच्चों का एडमिशन भी कराया. खुद की लग्जरी गाड़ी से अनाथ बच्चो तक पहुंच बनाकर उनको खिलौने और राशन समेत तीन किट दे रहे हैं. 

क्या हैं आंकड़े 

आंकड़े कहते हैं क‍ि मेरठ और सहारनपुर दोनों ही मंडल में 3434 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता दोनों की डेथ हो गई है.  748 ऐसे बच्चे हैं जिनके मां-बाप में से कोई एक दुनिया में नहीं है. वहीं कोरोना महामारी के कारण देशभर के 9346 बच्चों ने या तो अपने दोनों पेरेंट्स को खो दिया या ऐसे एक पैरंट को खो दिया जो घर में कमाने वाले थे. 

सुप्रीम कोर्ट में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की ओर से हलफनामा दायर करके यह बताया गया कि देश भर के ऐसे बच्चे जिनके कमाने वाले पेरेंट्स को कोरोना के कारण गुजर गए हैं उनको सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है.

Advertisement
Advertisement