UP Govt Doctors: यूपी में काफी प्रयासों के बाद भी डॉक्टरों के खाली पद भर नहीं पा रहे हैं. प्रदेश में संविदा पर 100 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए गए है जिनका वेतन उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से भी ज्यादा है. इनको पहली बार स्वास्थ्य मिशन (NHM) रिवर्स बिड यानी बोली लगाकर 5 लाख रुपये का मानदेय तय करने का मौका दिया गया. हालंकि अभी भी 1000 से अधिक पद खाली हैं.
खाली हैं 1 हजार से ज्यादा पद
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की जानी है. इसमें 1000 से अधिक रिक्तियां भरी जानी हैं. बार-बार विज्ञापन देने के बावजूद कोई डॉक्टर ज्वाइन नहीं कर रहा था. एनएचएम स्वस्थ मिशन ने 100 डॉक्टरों की संविदा पर नियुक्ति की है जिनका वेतन रिवर्स बिड कर 5 लाख तक मानदेय पर रखा गया है.
5 लाख से अधिक है मानदेय
विशेष डॉक्टरों की कमी देखते हुए पहले PG पास डॉक्टरों को सीधे लेवल-2 में भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 2020 सेवा नियमावली में बदलाव किया है, फिर भी डॉक्टर नहीं मिल पा रहे थे. इसके बाद संविदा पर भर्ती की गई है. इनमें 12 डॉक्टर ऐसे हैं जिनका मानदेय 5 लाख से ऊपर है. इसमें चित्रकूट के राजापुर स्वस्थ केंद्र पर तैनात किए गए एनेस्थेटिक गड़ेश सिंह को रखा गया है.
महाराजगंज के जिला अस्पताल में तैनात किए गए दुर्गेश शुक्ला को 4 लाख 99 हजार पर रखा गया है. आजमगढ़ में रेडियोलॉजिस्ट हिमांशु कुमार जयसवाल को 4 लाख 94 हजार पर प्रति माह के वेतन पर रखा गया है. इसी तरह से अम्बेडकर नगर, अमेठी, अमरोहा, गोंडा, झांसी, मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थनगर में तैनात किए गए डॉक्टरों का मानदेय भी 4 लाख से ऊपर रखा गया है.
क्या होती है रिवर्स बिड?
जब कोई भर्ती संविदा के तहत होती है तो कम से कम मूल्य और पैसा ऑफर किया जाता है. हालांकि, इस मामले में उल्टा हुआ सरकार की तरफ से ज्यादा से ज्यादा पैसा ऑफर किया गया. ऐसे में बिड रिवर्स हो गई. डॉक्टरों की कमी के चलते रिवर्स बिड पर ज्यादा पैसा देकर डॉक्टर्स को रखा जा रहा है.
कितनी होती है सामान्य सा स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सैलरी
बलरामपुर जिला सरकारी अस्पताल में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सैलरी 1 से 1.5 लाख रुपए तक है. अधिक से अधिक वेतन 2 लाख रुपये तक CMO या इसके समकक्ष पोस्ट को दी जाती है. चीफ मेडिकल सेक्रेटरी का वेतन 3 से 3.5 लाख रुपये मासिक होता है.