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UP Police Constable Exam: उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है. अभ्यर्थी सिपाही भर्ती परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस भार्ती व प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने अभ्यर्थियों से पेपर लीक पर सबूत के साथ आपत्तियां मांगी हैं. बोर्ड ने अभ्यर्थियों से मेल आईडी पर वो सबूत मांगे हैं जिसके आधार पर अभ्यर्थी कह रहे हैं कि यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है.
पेपर लीक को लेकर FIR दर्ज
इस शिफ्ट में पेपर के दौरान लखनऊ में पकड़े गए एक अभ्यर्थी से बरामद नकल की पर्ची के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने FIR दर्ज करवाई है. खास बात यह है कि दर्ज कराई गई तहरीर में लिखा गया कि सुनियोजित ढंग से पेपर लीक किया गया जो अपराध की श्रेणी में आता है.
नकल के दौरान हाथ लगी 'पेपर लीक' की पर्ची
दरअसल, 18 फरवरी को दूसरी शिफ्ट में हुए पेपर के दौरान सिटी मॉडर्न एकेडमी अलीपुर में परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से हाथ से लिखी हुई नकल की पर्ची मिली थी. ड्यूटी के दौरान नकल करते पकड़े गए अमन कुमार से हाथ से लिखे सवाल की पर्ची बरामद हुई तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस टीम को बुलाया गया. जिसके बाद मोहनलालगंज मे तैनात इंस्पेक्टर रामबाबू सिंह ने परीक्षा अधिनियम में केस दर्ज करवा दिया. इंस्पेक्टर ने अपनी तहरीर में अभ्यर्थी अमन कुमार से मिली हर एक पर्ची का जिक्र किया है. हाथ से लिखी पर्ची और उन पर लिखे सवालों के जवाब को तहरीर में बताया गया.
दर्ज कराई गई एफआईआर की तहरीर में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर ने लिखा कि हस्तलिखित प्रश्न पत्र जो परीक्षार्थी के मोबाइल पर आया है, का मिलान ओरिजनल परीक्षार्थी की क्वेश्चन से मिलन किया गया तो प्रश्न संख्या अलग-अलग है लेकिन प्रश्न सभी मैच कर रहे हैं. इस प्रकार सुनियोजित तरीके से प्रश्न लीक किया गया जो अपराध की श्रेणी में आता है.
पकड़े गए अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार ने पुलिस को पूछताछ में कुबूला था कि उसके दोस्त नीरज ने व्हॉट्सएप पर उसे पेपर परीक्षा से पहले ही भेज दिया था जिसकी पर्ची उसने तैयार की थी. पुलिस ने पूछताछ के बाद अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है. इस पूरे मामले पर एडीसीपी साउथ शशांक सिंह का कहना है कि एफआईआर प्रथम सूचना रिपोर्ट होती है. जो आरोप लगाए जाते हैं इसकी पुष्टि विवेचना के बाद होगी. एफआईआर भले ही एक इंस्पेक्टर के द्वारा लिखाई गई हो लेकिन विवेचना के बाद ही आरोप की पुष्टि होगी.
नाराज अभ्यर्थियों ने दिखाए पेपर लीक के सबूत
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है या नहीं. इसी तार को जानने और समझने के लिए जब आजतक की टीम लखनऊ के इको गार्डन पहुंची तो वहां सिपाही भर्ती परीक्षा के कुछ अभ्यर्थी भी मिल गए. उनके साथ उनके टीचर भी थे, जिन्होंने उनकी परीक्षा की तैयारी करवाई और जिनके पास परीक्षा से पहले पेपर भी पहुंच गए थे.
आखिर वह कौन-से तर्क हैं जिसके आधार पर अभ्यर्थियों को अंदेशा है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है?
अभ्यर्थियों का कहना है कि दो दिन की चार पाली में हुई इस भर्ती परीक्षा में 17 और 18 फरवरी की दूसरी शिफ्ट का पेपर लीक हुआ है. 18 फरवरी की शाम 3 से 5 की पाली में हुए प्रश्न पत्र तमाम अभ्यर्थियों के पास और कोचिंग टीचर्स के पास पहले ही पहुंच गए थे. जिसे लेकर शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर उसी समय पोस्ट भी लिखी कि पेपर लीक होने की बाते सामने आ रही है.
सुबह 8:00 बजे से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल होने लगा. वायरल पोस्ट के बाद जब पहली पाली का पेपर (10 बजे से 12 बजे) खत्म हुआ और उस पाली का पेपर वायरल हुए पेपर से नहीं मिला तो बच्चों ने भी चैन की सांस ली कि यह किसी ने फर्जी पेपर वायरल किया है, पेपर लीक नहीं हुआ है. लेकिन 18 फरवरी की शाम को जब दूसरी पाली में 3 से 5 बजे की पाली का पेपर हुआ, पेपर देकर बच्चे आए और जब मिलान किया गया तो वह पेपर हू बहू वही था जो सुबह 8:00 बजे के लगभग टेलीग्राम पर वायरल हुआ था और X पोस्ट पर जिसके वायरल होने की आशंका जताई गई थी.
अभ्यर्थियों से सवाल किया गया कि क्वेश्चन पेपर तो प्रिंट था लेकिन जो वायरल हो रहा है वह हाथ का लिखा है?
तो जवाब आया की 150 में से 147 सवाल हूबहू वही थे उनके ऑप्शन भी वही थे जो एग्जाम में आए थे तो ऐसा कैसे हो सकता है. आशंका है कि यह जो हाथ से लिखा क्वेश्चन पेपर वायरल हुआ है यह परीक्षा केंद्र से नहीं बल्कि जिस एजेंसी के द्वारा सिपाही भर्ती का पेपर बनाया गया उसके स्तर से लीक हुआ है. जब सभी विषय के सवाल एक साथ बनाकर एक क्वेश्चन पेपर तैयार किया गया वहीं से हाथ से लिखकर यह क्वेश्चन पेपर रख लिया था और परीक्षा वाले दिन वायरल किया गया है.
क्वेश्चन पेपर वायरल करने की टाइमिंग में छेड़छाड़ हुआ होगा?
सवाल हुआ कि क्वेश्चन पेपर वायरल करने की टाइमिंग में छेड़छाड़ की जा सकती है. शायद किसी ने जानबूझकर क्वेश्चन पेपर बच्चों को प्रश्न पत्र घर के लिए मिलने के बाद उसे हाथ से लिखा हो और फिर अपने मोबाइल पर टाइम बदलकर वायरल किया हो. इस पर अभ्यर्थियों का तर्क है कि पेपर लीक करने वाले ऐसा कर सकता है लेकिन जिन लोगों ने X पोस्ट पर वायरल किया उन्होंने तो रियल टाइम पर ही वायरल किया था.
बता दें कि फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों के इसी आरोप को लेकर भर्ती बोर्ड ने अब अभ्यर्थियों से सबूत के साथ आपत्ति का प्रत्यावेदन मांगा है. भर्ती बोर्ड ने भी एक अपनी आंतरिक समीक्षा कमेटी गठित कर दी है.