UP Police SI Bharti: उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में जालसाजों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी है. बीते 24 घंटे में यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस में ऐसे ही 18 अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है जिन्होंने सॉल्वर के सारे लिखित परीक्षा पास की थी और फिजिकल टेस्ट देने के लिए ग्राउंड पर पहुंचे थे. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में अब तक 100 से अधिक जालसाज गिरफ्तार किए जा चुके है.
2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा आयोजित की गई 9534 पदों पर सब इंस्पेक्टर रैंक के लिए भर्ती परीक्षा में जालसाजो की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी है. बीते 24 घंटे में लखनऊ पुलिस ने 16 व्यक्तियों को महानगर इलाके से और यूपी एसटीएफ ने 1 अभ्यर्थी, 1 सॉल्वर को कानपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा है. लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली, कानपुर, आगरा, से अब तक ऐसे 108 जालसाज अभ्यर्थी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिन्होंने सॉल्वर के जरिए लिखित परीक्षा पास की थी. इस मामले में अब तक जिलों में 26 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और अभी भी 200 से अधिक अभ्यर्थी जांच के दायरे में है.
इस बार सब इंस्पेक्टर की लिखित परीक्षा ऑनलाइन करवाई गई. प्रदेश भर के तमाम कंप्यूटर सेंटर पर इस ऑनलाइन परीक्षा 160 सवाल पूछे गए थे. 40-40 सवालों के चार भागों को 2 घंटे में हल करना था. पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने जब लिखित परीक्षा का परिणाम बनाया और ऑनलाइन परीक्षा में candidate response log को चेक किया गया तो अफसर भी हैरान थे. करीब 250 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने 150 सवाल हल किए थे. बोर्ड को अंदेशा था कि मेधावी से मेधावी अभ्यर्थी भी 130 से 135 सवाल ही हल कर पाएगा. लेकिन जब डेढ़ सौ सवाल हल करने वाले अभ्यर्थी मिले तो अफसरों के कान खड़े हो गए उनके response log को चेक किया गया.
जानें अफसरों की नजर में कैसे आया जालसाजी का मामला
दरअसल इस ऑनलाइन परीक्षा में यह डेटा भी दर्ज हो रहा था कि किस अभ्यर्थी ने कितने सवाल कितनी देर में हल किए. हर एक सवाल को हल करने में उसको कितना वक्त लगाॉ. भर्ती बोर्ड ने जब ऐसे अभ्यर्थियों का रिस्पांस लॉग चेक किया तो अफसरों के होश उड़ गए. 200 से अधिक ऐसे अभ्यर्थी थे जो 2 घंटे की परीक्षा में एक घंटा या उससे भी अधिक वक्त में एक भी सवाल हल नहीं कर पाए, लेकिन अचानक आधे घंटे में उन्होंने डेढ़ सौ सवाल हल कर दिया. यही कैंडिडेट रिस्पांस लॉग उनके लिए मुसीबत बन गया.
भर्ती बोर्ड ने लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित करने के बाद DVPST यानी Document Verification and Physical Standard Test के लिए बुलाया. लिखित परीक्षा में 150 सवाल हल करने वाले अभ्यर्थियों से अफसरों ने सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे तो उनको वह भी नहीं आता था. अफसरों ने कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा खेल उजागर हो गया. अब तक की जानकारी में साफ हुआ है कि ऑनलाइन परीक्षा जिन कंप्यूटर सेंटर पर हुई है. वहां से स्क्रीन शेयरिंग के जरिए परीक्षा केंद्र के बाहर बैठे सॉल्वरों ने पेपर हल किए थे और इसके एवज में मोटी रकम वसूली गई थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के महानिदेशक आरके विश्वकर्मा का कहना है कि कैंडिडेट रिस्पांस लॉग के जरिए अब तक 108 अभ्यर्थियों को चिन्हित कर संबंधित जिलो से गिरफ्तारी हुई है अब तक इस मामले में 26 FIR दर्ज हुई है, जिसमें कई परीक्षा केंद्रों के सेंटर मैनेजर भी नामजद किए गए हैं.