
UPSC Result 2022 Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा का परिणाम जारी हो चुका है और इसमें राजस्थान के होनहारों ने बाजी मारी है. जयपुर के अर्जुननगर के रहने वाले अभिजीत ने भी इसमें 440वीं रैंक हासिल कर परिवार के साथ साथ प्रदेश का मान बढ़ाया है. अभिजीत की इस सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है और हर कोई मिठाई खिला व गुलदस्ता देकर अभिजीत को जीत की बधाइयां दे रहे हैं.
सीएम योगी की सुरक्षा में तैनात हैं पिता
अभिजीत के पिता अनूप सिंह एक पुलिस अधिकारी हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हैं. अभिजीत की मां सरिता ग्रहणी हैं. जिनका बेटे की सफलता के पीछे अहम योगदान रहा है. राजस्थान तक से खास बातचीत करते हुए अभिजीत ने अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनो के साथ साथ अपने माता पिता को दिया और साथ ही कहा की लगातार मेहनत के बाद दूसरे अटेंप्ट में यह सफलता मिली है. उन्होंने दिल्ली जाने के बजाय जयपुर में घर पर रहकर ही तैयारी की और घर के माहौल में ही शांत रहकर उन्होंने तैयारी की जो शायद बाहर कोचिंग संस्थानों में वो नहीं हो सकता था.
35 लाख का पैकेज छोड़ शुरू की यूपीएससी की थी तैयारी
UPSC एग्जाम क्लियर करने से पहले अभिजीत IIT से पढ़ाई करके जॉब कर रहे थे. अभिजीत ने सिविल सर्विसेज के लिए 2020 में IIT मुंबई में बीटेक करने के साथ ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन 2021 के पहले अटेंप्ट में सफलता नहीं मिली. इसके बाद IIT बैंगलोर में सालाना 35 लाख पैकेज का ऑफर मिला लेकिन ऑफर को छोड़ वापस UPSC की तैयारी की और सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता के झंडे गाड़े. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलो और तभी IIT से हट कर कुछ और करना था तो फिर से UPSC को लक्ष्य बनाया और आज सफलता मिल ही गई.
पुलिस वाले का बेटा बना अफसर
वहीं एक पुलिसवाले का बेटा कैसे पिता से ऊपर अफसर बन गया इसको लेकर अभिजीत के पिता उप अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि मुझे अपने बेटे से बहुत उम्मीद थी और उम्मीदों पर हमेशा ही खरा उतरा है. हालांकि पिछली बार थोड़ा सा परिणाम कम रहा लेकिन वो कामयाबी की सीढ़ी चढ़ने के लिए एक पायदान था. इसके बाद उसको अनुभव के तौर पर लेकर अपनी कमियों को दूर कर सुधारा और अच्छे मार्गदर्शन के कारण आज परिणाम मिला है. बेटे की उपलब्धि पर मां सरिता और दादी सावित्री ने गर्व जताते हुए कहा कि हम सब बहुत खुश हैं. अभिजीत के इस परिणाम से और इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है. हालांकि पहले अटेंप्ट में सफलता नहीं मिली तो बेटे को मोटीवेट किया और हार नहीं मानने की प्रेरणा दी और दूसरी बार में सफलता मिल ही गई.