अमेरिका ने कहा है कि वह स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए उन 300 से ज्यादा भारतीय छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जो कथित तौर पर अवैध तरीके से देश में रुकने की अवधि बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कल कहा कि इनमें से अधिकतर लोग वैध छात्र वीजा पर आए हैं. और यह तब हुआ, जब उन्होंने अमेरिका में अपने रहने की अवधि को बढ़ाने की कोशिश की.
इन छात्रों की संख्या 306 है और इन्हें गृह सुरक्षा एवं आव्रजन एवं आबकारी प्रवर्तन मंत्रालय की ओर से कराए गए स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया था. इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद पिछले सप्ताह 21 दलालों और मध्यस्थों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें भारतीय मूल के 11 लोग भी शामिल थे.
टोनर ने कहा कि अमेरिका में रुकने की अवधि को अवैध रूप से बढ़ाने की कोशिश करने वाले भारतीय छात्रों पर ही कार्रवाई की जाएगी. किसी भी ईमानदार छात्र को परेशान नहीं किया जाएगा.
टोनर ने कहा, 'छात्र वीजा पर यहां आने वाले ये लोग वैध तरीके से या तो काम करने या पढ़ने के लिए आए थे. वे छात्र वीजा के लिए योग्य साबित हुए थे. उन्होंने पात्रताएं पूरी की थीं. तब उन्हें छात्र वीजा जारी किए गए थे.'
उन्होंने कहा, 'यहां रहने के बाद ही, विश्वविद्यालय या कहीं और जाने के बाद ही उन्होंने कथित तौर पर फैसला किया कि अमेरिका में अपने रहने की अवधि को बढ़ाने के लिए इस आपराधिक संगठन की मदद ली जाए. यह एक अहम स्पष्टीकरण है.' एक सवाल के जवाब में टोनर ने कहा कि इन भारतीय छात्रों को वीजा भारत में स्थित अमेरिकी राजनयिक मिशनों की ओर से अमेरिका के मान्यताप्राप्त शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए जारी किए गए थे न कि उस नकली विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए, जिसका निर्माण गृहसुरक्षा मंत्रालय ने स्टिंग ऑपरेशन के तहत किया था.
टोनर ने कहा, 'वे यहां वैध तरीके से और वैध वीजा पर ही आए. यह वीजा का मामला नहीं है. यह इस बारे में है कि एक बार जब वे अमेरिका में आ गए, तो उन्होंने एक अापराधिक संगठन की मदद से अपने रुकने की अवधि बढ़ाने की कोशिश की.'