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कंगना को मिली Y कैटगरी की सुरक्षा, जानें- X, Z और Z प्लस सुरक्षा का मतलब

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को गृह मंत्रालय की ओर से Y कैटेगरी की सुविधा दी गई है. दरअसल शिवसेना नेता संजय राउत ने हाल ही में कंगना रनौत को मुंबई नहीं आने की धमकी दी थी. इसके बाद कंगना ने कहा था कि वह 9 सितंबर को मुंबई पहुंचेंगी. आइए ऐसे में जानते हैं, X, Y, Z और Z प्लस कैटेगरी सुरक्षा में किस प्रकार की सुविधा दी जाती हैं.

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कंगना रनौत
कंगना रनौत

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को Y कैटेगरी की सुरक्षा मिली है. कंगना को ये सुरक्षा गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है. इस सुविधा के लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा किया है. बता दें, ये सुरक्षा इसलिए दी गई है, क्योंकि शिवसेना नेता संजय राउत ने कंगना को मुंबई न आने की सलाह दी थी, लेकिन कंगना ने कहा कि वह 9 सितंबर को मुंबई जाएंगी. आइए ऐसे में जानते हैं क्या होती हैं Y कैटेगरी की सुरक्षा और अन्य सुरक्षाएं.

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खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षा दी जाती है. ऐसे में भारत में सुरक्षा को 4 कैटेगरी में बांटा गया है. जो है X, Y, Z और Z  प्लस सुरक्षा. इन सभी सुरक्षा में सबसे बड़ी सुरक्षा Z प्लस सुरक्षा होती है.

पहले जानते हैं क्या होती है Y कैटेगरी की सुरक्षा

Y कैटेगरी सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं. इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं. 

X कैटेगरी की सुरक्षा

X कैटेगरी की सुरक्षा सबसे बेसिक सुरक्षा है. इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है. 

Z कैटेगरी सुरक्षा

Z कैटेगरी स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं. अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है. सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है. कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं. इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है. इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है.

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Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा 

Z  प्लस कैटेगरी में 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं,  इसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं. इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) कैटेगरी भी कहा जाता है. ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं.

सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, इसके बाद दूसरे स्तर पर एसपीजी के अधिकारी होते हैं. साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में लगाए जाते हैं.

 

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