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इतिहास

बीपी को पीएम बनाया, लालू को सीएम, पढ़ें- BJP से जुड़े ये दिलचस्‍प तथ्‍य

BJP protest (Getty)
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भारतीय जनता पार्टी आज 6 अप्रैल को 41 साल की हो गई है. 41 साल की उम्र में बीजेपी किसी युवा की तरह कामयाबी की बुलंदियों पर विराजमान है. बीजेपी आज की तारीख में देश की सबसे बड़ी और प्रभावशाली पार्टी है. बीजेपी ने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए शून्य से सफर से शुरू किया था. आजादी के बाद भारतीय जनसंघ से आगाज किया और जनता पार्टी बनते हुए 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की बुनियाद पड़ी. ऐसे में हम बीजेपी की वो दस बातें बताएंगे जिसे आपको जानना चाहिए. 

BJP program
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1. बीजेपी का मौजूदा चुनाव चिह्न कमल का फूल है जबकि भारतीय जनसंघ का चुनाव निशान दीपक हुआ करता था. 1952 से 1977 तक इसी चुनाव निशान पर पार्टी लोगों से वोट मांगती रही है. हालांकि, अब कमल के फूल को बीजेपी हिन्दू परंपरा से जोड़कर देखती है और अब यही पार्टी की पहचान है. 

PM Narendra Modi (Getty)
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2. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) को बीजेपी का मातृ संगठन माना जाता है. बीजेपी के ज्यादातर बड़े नेता आरएसएस से जुड़े हैं. बीजेपी के संगठन मंत्री के पद पर हमेशा से आरएसएस से जुड़ा हुए व्यक्ति को रखा जाता है. बीजेपी के केंद्रीय संगठन से लेकर प्रदेश और जिले संगठन में इसी प्रक्रिया को अपनाया जाता है. 

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Ex PM Atal Bihari Vajpayee (Getty)
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3.1989 में कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए बीजेपी और वाममोर्चा एक साथ आए थे. बीजेपी और लेफ्ट ने वीपी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल को समर्थन दिया था, लेकिन दोनों ही दल सरकार में शामिल नहीं हुए. 1989 के चुनाव में बीजेपी 89 सीट जीतकर आई थी, जो आजादी के बाद से सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा था. 
 

BJP program Atal Bihari Vajpayee and LK Advani (Getty)
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4. जनसंघ से जुड़े हुए नेताओं को पहली बार 1977 में जनता पार्टी की सरकार में सत्ता में आने का मौका मिला. अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने थे, लेकिन यह सरकार बहुत ज्यादा समय तक नहीं चल सकी. जनता पार्टी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई में पूरी पार्टी बिखर गई.

ex PM Atalji
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5. साल 1996 के चुनाव में बीजेपी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. तब भारत के राष्ट्रपति ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. हालांकि बीजेपी सरकार कुछ दिनों में ही गिर गई. 1998 में बीजेपी ने फिर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन महज 13 दिन के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 

Lalu Yadav and mulayam singh
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6.  बिहार में लालू प्रसाद यादव पहली बार जब 1990 में मुख्यमंत्री बने थे. उस समय लालू यादव बीजेपी के समर्थन से सीएम की कुर्सी पर विराजमान हुए थे. 1990 के चुनाव में बिहार (झारखंड नहीं बना था) विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 39 विधायक जीतकर आए थे. बीजेपी के इन्हीं विधायकों के सहयोग के दम पर लालू यादव पहली बार सीएम बने. 

BJP program
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7. बीजेपी के लिए कांग्रेस विरोध की राजनीति बेहद अहम रही है. जनसंघ के दिनों में जवाहरलाल नेहरू का विरोध जनसंघ संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने किया. इसके इमरजेंसी के दौर में जनता पार्टी से अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी इंदिरा गांधी के विरोध में रहे. इंदिरा गांधी के बाद जब राजीव गांधी की सरकार बनी तब बीजेपी ने कांग्रेस विरोध के सुर को तेज करते हुए उसे परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा. 

BJP protest (Getty)
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8. बीजेपी छोड़कर अपनी पार्टी बनाने और दूसरी पार्टी में गए नेता सफल नहीं रहे हैं. इतना ही नहीं कल्याण सिंह से लेकर उमा भारती और केशुभाई पटेल ने बीजेपी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई, लेकिन बाद में दोबारा से घर वापसी की और अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया. 

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PM Narendra Modi old photo
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9. बीजेपी ज्यादातर मुख्यमंत्री अपने कैडर से आए नेताओं को ही बनाती है. दूसरे दलों से आए नेताओं को बीजेपी सत्ता में आने पर क्रीम पोस्ट बहुत ही कम देती है. मौजूदा समय में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल बीजेपी के एकलौते नेता हैं, जो दूसरे दल से आकर सीएम बने हैं. 

BJP Session (India today Archive)
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10. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर जेपी नड्डा तक जिन लोगों ने भी बीजेपी की कमान संभाली है, उसमें बंगारू लक्ष्मण एकलौते नेता थे जो दलित समुदाय से थे. साल अगस्त 2000 में दक्षिण के दलित बंगारू को अध्यक्ष बनाया गया लेकिन तहलका प्रकरण में उनका नाम आने के बाद फरवरी, 2001 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

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