गुजरात की तरफ बढ़ रहे चक्रवाती तूफान ताउते को लेकर कहा जा रहा है कि ये तूफान खतरनाक हो सकता है. इसे लेकर IMD ने 5 राज्यों केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में एलर्ट जारी किया है. तूफान से नुकसान को कम करने के लिए NDRF ने 53 टीमें तैनात की हैं. क्या आप जानते हैं कि साइक्लोन क्या हैं, और क्यों आते हैं और इसका नाम कैसे तय किया जाता है.
क्या होते हैं साइक्लोन
गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है. हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है. इससे ऊपर की नमी मिलकर संघनन से बादल बनती है. इस वजह से बनी खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है. जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश होने लगती है. तेज घूमती इन हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलो मीटर के बराबर तक होता है.
मई-जून में चक्रवाती तूफान आना आम बात है. ज्यादातर चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी में उठते हैं. पिछले 120 साल में आए सभी चक्रवाती तूफान के 14% ही भारत के पास के अरब सागर में आए हैं. बंगाल की खाड़ी में उठने वालों की तुलना में अरब सागर के चक्रवाती तूफ़ान अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं.
चक्रवात का नाम रखने के पीछे एक खास प्रक्रिया होती है. इन सभी चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विभाग के तहत आने वाले दुनिया भर में फैले वॉर्निंग सेंटर की तरफ से किया जाता है. इस पैनल में 13 देश हैं जिनमें भारत, पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन शामिल हैं. पिछले साल इन देशों ने 13 नाम सुझाए थे. इसके चलते चक्रवातों के 169 नामों की लिस्ट तैयार की गई थी.
चक्रवाती तूफान के 64 देश नाम तय करते हैं. जब चक्रवात इन आठों देशों के किसी हिस्से में पहुंचता है, सूची से अगला दूसरा सुलभ नाम रख दिया जाता है. इन आठ देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसके हिसाब से ही चक्रवाती तूफान के नाम रखे जाते हैं. साल 2004 में चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रकिया शुरू की गई है.
इसलिए रखा जाता है नाम
समुद्र से एक चक्रवाती तूफान एक सप्ताह या इससे अधिक समय तक चलता है. एक समय में एक से अधिक तूफान आने पर मौसम विभाग से जुड़े व अन्य लोगों को किसी तरह का कन्फ्यूजन ना हो इसलिए इन तूफानों का नाम दे दिया जाता है. इससे आपदा चेतावनियां जारी करने और भविष्य में पिछले चक्रवातों का उल्लेख करने में आसानी होती है. सामान्य रूप से ट्रॉपिकल चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार होते हैं.
चक्रवात तूफान ताउते नाम इस बार म्यांमार की ओर से दिया गया है. इसका अर्थ है- बहुत शोर मचाने वाली छिपकली. तूफान आने से पहले ही ये नाम इसलिए दे दिए जाते हैं ताकि वैज्ञानिक और आम लोग सतर्क रहें. गौरतलब है कि भविष्य में आनेवाले तूफानों के नाम पहले से ही तय कर लिए गए हैं. म्यांमार के बाद ओमान के अगले तूफान का नाम यास दिया है. इसके अगले तूफान का नाम पाकिस्तान ने गुलाब दिया है.